हिमालय की ऊंची चोटियों पर हिमपात, आदि कैलास यात्रियों को जहां पर हैं वहीं रुकने के आदेश
पिथौरागढ़/मुनस्यारी । मौसम विभाग की चेतावनी सही साबित होती दिख रही है। पूरे कुमाऊं में मौसम का रुख बड़ी तेजी से बदल गया है। बदले मौसम में जहां हिमालय की ऊंची चोटियों पर हिमपात शुरू हो गया है, वहीं निचले इलाकों में रुक-रुक बारिश हो रही है। कई जगह जनजीवन अस्त-व्यवस्त होने की भी खबर है।
उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में बुधवार की सायं से लगातार वर्षा हो रही है। वहीं हिमालय की ऊंची चोटियों पर हिमपात हो रहा है। नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग सातवें दिन भी बंद रहा। चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-दारमा मार्ग और जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग नौ घंटे बंद रहा। जिले में आठ मार्ग बंद हैं।
उच्च हिमालय में चोटियों पर हिमपात हो रहा, परंतु उच्च हिमालय के निचले स्थानों पर वर्षा का वेग कम है। जिसके चलते हेलीकाप्टर सेवा बहाल रही। हेलीकाप्टर दो बार मिलम गया और एक बार मुनस्यारी के पातों गांव जाकर बीमार महिला भागीरथी देवी 38 वर्ष को मुनस्यारी लाया। बीमार महिला को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है।
बुधवार की रात को सबसे अधिक वर्षा पिथौरागढ़ तहसील में हुई। रात की वर्षा से सुबह 15 मोटर मार्ग बंद थे। सायं तक सात मार्ग खोल दिए गए हैं। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग पर लुम्ती के पास नाला सड़क पर बह रहा है। गुरुवार सुबह से ही वर्षा जारी है। धारचूला के आपदा प्रभावित क्षेत्र में परेशानी बढ़ती जा रही है। पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से नगर में पेयजल संकट बना हुआ है। काली नदी 889़90 मीटर पर बह रही है। खतरे का निशान 890 मीटर है। नदी किनारे की बस्तियों को अलर्ट किया गया है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने जनता से मौसम के अलर्ट को देखते हुए लोगों से 18 सितंबर तक सजगता बरतने और आवश्यक नहीं होने पर यात्रा नहीं करने की अपील की है।
मौसम की चेतावनी के बाद भी आदि कैलास यात्रियों को यात्रा पर भेजा जा रहा है। यात्रा संचालकों की नासमझी का परिणाम यात्री भुगत रहे हैं। बुधवार को तो यात्रा पर जा रहे 27 यात्रियों को रात्रि 11 बजे के बाद भोजन और रहने को जगह मिल सकी है। ऊपर से संचालकों द्वारा 25वां दल भी यात्रा पर भेज दिया गया है। वहीं, प्रशासन और पुलिस ने एहतियातन यात्रा नहीं करने के मौखिक आदेश दिए हैं। कहा है कि आदि कैलास यात्रियों का दल जहां पर है, वहीं पर रुक जाए। भारी बारिश में यात्रा से जान जोखिम में पड़ सकती है।