बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में हुई बर्फबारी, कालामुनि में बर्फ के बीच फंसे पर्यटक
चमोली। उत्तराखंड में रविवार को दोपहर बाद मौसम ने करवट बदली। चमोली जनपद में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई, जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हुई। जोशीमठ नगर में भी हल्की बारिश होने से मौसम में ठंडक आ गई है। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, लाल माटी सहित नीती और माणा घाटियों में बर्फबारी हुई। गोपेश्वर में देर शाम तेज आंधी-तूफान होने से लोग अपने घरों में दुबके रहे।
राज्य में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने और उत्तर पूर्वी हवाओं के दबाव के चलते एक बार फिर 27 फरवरी से एक मार्च तक मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है। तीन दिन जहां मैदानों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है। वहीं, उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर जैसे जिलों में बारिश के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी देखने को मिलेगी।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहीं-कही बिजली गिरने की संभावना भी जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। मौसम के बदले मिजाज के चलते तापमान में कमी होने की संभावना है।
मुनस्यारी के कालामुनि में बर्फबारी के कारण पर्यटकों के तीन वाहन फंस गए हैं। सूचना के बाद प्रशासन पर्यटकों को रेस्क्यू करने में जुट गया है। जानकारी के अनुसार रविवार को कुछ पर्यटक तीन वाहनों से मुनस्यारी सैर सपाटे के लिए आ रहे थे। इस दौरान मुनस्यारी से 15 किमी पहले कालामुनि में तीन इंच बर्फबारी होने के कारण पर्यटकों के वाहन वहां फंस गए। पर्यटकों ने वाहनों को निकालने का काफी प्रयास किया, लेकिन वाहन बर्फबारी के चलते रपटने लगे। इसके बाद उन्होंने वाहनों को निकालने की कोशिश नहीं की। स्थानीय लोगों ने पर्यटकों के वाहन फंसे होने की सूचना तहसील प्रशासन को दी। इसके बाद प्रशासन की टीम पर्यटकों को निकालने के लिए मशीनों के साथ मौके के लिए रवाना हो गई है। खलिया में चार इंच बर्फबारी हुई है।
25 मार्च से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा के लिए गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फ को साफ करने का कार्य जोरों पर चल रहा है। कार्यदायी संस्था जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण-लोनिवि द्वारा बर्फ साफ करने के लिए तीन टीमें गठित की गईं हैं, जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर लगाया गया है।
कार्यदायी संस्था डीडीएमए-लोनिवि के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि मार्च पहले सप्ताह तक बर्फ साफ करते हुए केदारनाथ तक रास्ता खोल दिया जाएगा। इसके बाद केदारनाथ में मंदिर मार्ग, मंदिर परिसर सहित पुनर्निर्माण कार्य स्थलों में जमा बर्फ को प्राथमिकता से साफ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 25 मार्च तक गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर सभी कार्य पूरे कर आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
बर्फ हटाने रुद्रा प्वाइंट पहुंची टीम
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा तैयारियों को लेकर लगातार पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम जारी है। एचनएच लोनिवि द्वारा तीन टीमें बनाकर पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का काम जारी है। बर्फ हटाने वाली टीम रुद्रा प्वाइंट के करीब पहुंच गई है। केदारनाथ यात्रा के सफल संचालन के लिए यात्रा से जुड़े विभाग अपनी तैयारियों में जुटे हैं। सबसे बड़ी चुनौती बर्फ हटाने की ही है। हालांकि डीडीएमए की टीम बर्फ हटाते हुए आगे बढ़ रही है। 60 मजूदरों की टीम त्वरित गति से पैदल मार्ग को साफ कर रही है। डीडीएमए के अवर अभियंता सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। तीन टीमें यात्रा मार्ग के अलग-अलग स्थानों से बर्फ हटाने के काम में जुटी है। इधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ड़ एचसीएस मार्तोलिया ने बताया कि केदारनाथ यात्रा में आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों व श्रद्घालुओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उनके द्वारा रामबाड़ा तक स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग में जंगलचट्टी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए एमआरपी में रंग रोगन एवं मरम्मत का कार्य चल रहा है।