समाज सेवी व पत्रकार चंडी प्रसाद व्यथित का निधन
-गढ़वाल क्षेत्र में शोक की लहर, घर पर लगा शुभचिंतकों का तांता
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : समाज सेवी व लंबे समय से पत्रकारिता से जुड़े चंडी प्रसाद व्यथित का रविवार दोपहर के समय निधन हो गया। उन्हें बीती तीन फरवरी को कोल्ड अटैक पड़ा था, जिसके बाद से उनका बिजनौर के अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके निधन से लैंसडौन समेत कोटद्वार में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। उनके आवास पर उनके शुभचिंतकों का तांता लगा हुआ है।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार बीती तीन फरवरी को चंडी प्रसाद व्यथित अपने निवास 2/3 कालागड़ी बाजार लैंसडौन में थे। तभी उन्हें कोल्ड अटैक पड़ गया। परिजन उन्हें उपचार के लिए कोटद्वार बेस अस्पताल लेकर आए, जहां से उन्हें बिजनौर के अस्पताल केलिए रैफर कर दिया गया। तब से उनका बिजनौर के अस्पताल में इलाज चल रहा था। कुछ दिन वह आईसीयू में भी रहे, लेकिन जब उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ तो चिकित्सकों ने परिजनों को उन्हें घर ले जाने की सलाह दी। रविवार को परिजन उन्हें घर ले आए। दिन में करीब 12 बजे उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
1955 से जुड़े थे पत्रकारिता के क्षेत्र से
चंडी प्रसाद व्यथित 1955 से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए थे। 1955 से उन्होंने दिल्ली से साप्ताहिक कर्मभूमि व सा. सत्यपथ के लिए समाचार भेजने शुरू कर दिए थे। 1958 में वह गढ़वाल आए और यहां अध्यापन कार्य करने लगे। 1960 में उनकी स्थायी नियुक्ति छावनी परिषद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुई। 1962 में उन्हें बिजनौर से प्रकाशित दैनिक चिंगारी का संवाददाता नियुक्त किया गया। 1964 से वह दैनिक बिजनौर टाइम्स के विशेष प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत रहे। 1974 में साप्ताहिक लघु भारत सितारगंज, नैनीताल के प्रतिनिधि नियुक्त हुए। 1979 में दैनिक उत्तर भारत नैनीताल व 1980 में दैनिक पर्वतीय नैनीताल के प्रतिनिधि नियुक्त हुए। इसी वर्ष वह अखिल भारतीय बुद्धिजीवी पत्रकार संघ पौड़ी गढ़वाल के संयोजक निर्वाचित हुए। 1982 में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जनपदीय उपाध्यक्ष मनोनीत हुए। 1983 में साप्ताहिक जनलहर के विशेष प्रतिनिधि बने। 1985 में गढ़वाल प्रेस क्लब के विशेष संयोजक बने व इसके बाद स्वतंत्र पत्रकार के रूप में उन्हें मान्यता प्राप्त हुई। एक अपै्रल 1996 से वह वैदिक ज्ञान ज्योति हिन्दी मासिक पत्रिका का सम्पादन कर रहे थे।
जनता की पीढ़ा को अपनी लेखनी से करते रहे उजागर
चंडी प्रसाद व्यथित संवेदनशील एवं मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी थे। वह समाज सेवा के लिए इतने समर्पित थे कि जीवन भर जनता की पीढ़ा व उनकी समस्याओं को अपनी लेखनी के माध्यम से शासन-प्रशासन के सम्मुख उजागर करते रहे। वह इतने सरल व सौम्य स्वभाव वाले व्यक्ति थे कि जो भी उन्हें एक बार मिल जाता था, वो उन्हें कभी नहीं भूलता था। यह उनका समाज सेवा का जुनून ही था कि पेशे से अध्यापक होने के बावजूद वह पत्रकारिता से जुड़े रहे और निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करते रहे।
दैनिक जयन्त परिवार ने जताया शोक
चंडी प्रसाद व्यथित वर्तमान में दैनिक जयन्त परिवार से जुड़े थे और जनता की समस्याओं को दैनिक जयन्त समाचार पत्र के माध्यम से उठाते रहते थे। उनके निधन से दैनिक जयन्त परिवार में भी शोक की लहर है। रविवार को दैनिक जयन्त समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक नागेंद्र उनियाल व समस्त स्टाफ ने दो मिनट का मौन रख स्व. चंडी प्रसाद व्यथित की आत्मशांति के लिए प्रार्थना की।