शोध कार्यों में सीएसआर संस्थान के वैज्ञानिकों का सहयोग महत्वपूर्ण
जयन्त प्रतिनिधि।
श्रीनगर गढ़वाल। ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला के अंतिम दिन उत्तराखंड में विज्ञान के क्षेत्र में शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर (कंसोर्शियम ऑफ साइंटिफिक रिसर्च सेंटर) से सहयोग की अपील की गई। सीएसआर के निदेशक ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। गढ़वाल केंद्रीय विवि के स्वयं प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. अजय सेमल्टी ने कहा कि शोध कार्यों में सीएसआर संस्थान के वैज्ञानिकों का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है।
विज्ञान के क्षेत्र में शोध कार्यों को लेकर अतिआधुनिक उपकरणों और तकनीकियों के प्रयोग को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्वयं प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित चार दिवसीय ऑॅनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला गुरुवार को संपन्न हो गई। जिसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, वैज्ञानिक संस्थानों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के एक हजार से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी कंसोर्शियम ऑफ साइंटिफिक रिसर्च सेंटर (सीएसआर) के तत्वावधान में आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र के मुख्य अतिथि और प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के सलाहकार प्रो. एमएसएम रावत ने कहा कि उत्तराखंड में शोध कार्यों को तेजी से और बढ़ावा देने के लिए सीएसआर को आगे आना चाहिए। सीएसआर के निदेशक डॉ. सीरुगुरि ने वृहद स्तर पर इस ऑनलाइन राष्ट्रीय कार्यशाला के सफल आयोजन को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल और संयोजक विवि स्वयं प्रकोष्ठ के डॉ. अजय सेमल्टी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि शोध कार्यों को लेकर संस्थान उत्तराखंड के वैज्ञानिकों को प्राथमिकता के साथ ही हर संभव सहयोग दिया जाएगा। इस तरह की कार्यशालाएं उत्तराखंड में भविष्य में भी आयोजित की जाती रहेंगी। उत्तराखंड निवासी परमाणु वैज्ञानिक डॉ. विनोद असवाल ने स्मॉल एंगल न्यूट्रान स्कैट्रिग तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। भाभा परमाणु शोध संस्थान के ध्रुव रिएक्टर में उपलब्ध इस मेगा एक्सपैरीमेंटल सिस्टम के विभिन्न शोध कार्यों में उपयोग को भी डॉ. असवाल ने विस्तार से बताया। भौतिक विज्ञान, रसायन, फार्मास्यूटिकल, बायोलॉजिकल शोध कार्यों में इसके लाभकारी उपयोग की जानकारी देते हुए वैज्ञानिकों से शोध कार्यों में इसका अधिकाधिक उपयोग करने का आह्वान भी किया। इस राष्ट्रीय कार्यशाला में सीएसआर के इंदौर, मुंबई, कोलकाता, कलपक्कम और राजारमन्ना सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नालॉजी इंदौर के वैज्ञानिकों ने अपने-अपने संस्थानों में उपलब्ध उच्च कोटि की मेगा रिसर्च सुविधाओं के साथ ही संस्थान में किए जा रहे शोध कार्यों को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रतिभागियों के साथ साझा कीं। कार्यशाला संयोजक डॉ. सुधींद्र ने कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की।