कोटद्वार-पौड़ी

आपदा में बहा योजना का स्रोत, पानी की बढ़ी किल्लत

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कलिगाड के ग्रामीणों ने आपूर्ति बहाल न करने पर आंदोलन की दी चेतावनी
कोटद्वार : रिखणीखाल ब्लॉक के अंतर्गत कलिगाड़ में पिछले एक माह से पेजयल समस्या बनी हुई है। दरसअल, रौता पेयजल योजना आपदा की भेंंट चढ़ने के बाद गांव में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर प्राकृतिक स्रोत के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने जल्द समस्या का निराकरण नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। कहा कि ग्रामीणों की अनदेखी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
करीब 30 वर्ष पूर्व पांच किमी. दूर गदेरे से कलिगाड तल्ली गांव के लिए रौता पेयजल योजना बनाई गई थी। गत माह अतिवृष्टि से क्षेत्र में आई आपदा में गदेरे के ऊफान से योजना का स्रोत क्षतिग्रस्त हो गया था। तब से गांव में पेयजल आपूर्ति ठप है। लोग लगातार विभाग से पेयजल आपूर्ति सुचारु करने की मांग कर रहे हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। स्थानीय नागरिक ओमप्रकाश, लक्ष्मी देवी, सरोजनी देवी, वीरेंद्र सिंह ने बताया कि एक माह से गांव में पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है, जिस कारण गांव के लोग परेशान हैं। लोग करीब दो किमी. दूर प्राकृतिक स्रोत पर जाकर नहा रहे हैं और कपड़े धो रहे हैं। घर के लिए पानी सिर पर ढोकर ला रहे हैं। मवेशियों के लिए पानी नहीं होेने के कारण उन्हें भी प्राकृतिक स्रोत तक ले जाना पड़ रहा है। वहीं जलसंस्थान के जेई किरन कुमार शर्मा का कहना है कि आपदा में रौता पेयजल योजना का पूरा स्रोत क्षतिग्रस्त हो गया है। ठेकेदार को मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह तक गांव में पेयजल आपूर्ति सुचारु करा दी जाएगी।

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