कोटद्वार-पौड़ी

पौड़ी गढ़वाल में लघु उद्योगों पर विशेष फोकस : डीएम

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जिला स्तरीय समिति का जल्द होगा गठन, पीएमएफएमई योजना के तहत 17 आवेदन मिले
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग पौड़ी गढ़वाल के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने उद्यमियों से कहा कि जब उद्यम की बात होती है तो उसके मानक बनाए जाते हैं और अपेक्षा होती है कि उस मानक का पदार्थ/वस्तु लोगों को मिले सके। पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत अपने उद्यम को मानकबद्ध तरीके से आगे बढ़ाएं, ताकि आपके बनाए उत्पादों में गुणवत्ता संबंधी शिकायत ना हो। उन्होंने मुख्य उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया कि योजना के अन्तर्गत तत्काल जिला स्तरीय समिति गठित करें। इस वर्ष लघु उद्योग पर विशेष फोकस है। योजना के अन्तर्गत निजी, स्वय सहायता समूह या पार्टनरशिप में भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पौड़ी पहला जनपद है, जो योजना के तहत 2 उद्यमियों के आवेदन स्वीकृत कर बैंक को भेजे गये है। योजना के अन्तर्गत जनपद का 9 का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 17 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि इस योजना को प्राथमिकता पर करना सुनिश्चित करें तथा अधिक से अधिक संख्या में लोगों के बीच पहुंचकर इसका लाभ दें। जिलाधिकारी ने जिला रिसोर्स अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजना के अन्तर्गत आने वाले आवेदनकर्ता, फोन कॉल करने वाले का नाम, पता, सम्पर्क नम्बर आदि डाटा को पंजिका में दर्ज करना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने उत्पादकों की मार्केटिंग व पैकेजिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा। वर्तमान समय में पैकेजिंग के लिए मशीनें आती है, जिससे पैकेजिंग को आकर्षक बनाया जाता है। मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ. नरेन्द्र कुमार ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों हेतु कुल परियोजना की लागत 2857143 रूपये का 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख की राजसहायता प्राप्त किये जाने हेतु उद्यमियों को क्रेडिट लिंकड बैक एण्डेड सब्सीडी के नियमानुसार प्रस्तावक 10 प्रतिशत अंश एवं अवशेष बैंक टर्म लोन से परियोजना पूर्ण करनी होती है। इसके अतिरिक्त एफपीओ/एसएचजी/कॉपरेटिवज के द्वारा प्रस्तुत 10 लाख तक की राजसहायता के प्रस्ताव राज्य स्तर पर ही स्वीकृत किये जायेंगे इससे अधिक की राजसहायता के प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्तुत किये जायेंगे। इस योजना 2021-22 से 2024-25 तक संचालित की जायेगी। उन्होंने बताया कि जनपद पौड़ी गढ़वाल में ओडीओपी के रूप में नींबू वर्गीय फलों के प्रसंस्कृत पदार्थों का चयन किया गया है। कार्यशाला में परियोजना निदेशक पौड़ी एसकेराय, डीडीएम नाबार्ड भूपेंद्र सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह राणा, खंड विकास अधिकारी पौड़ी प्रवीण भट्ट, उद्यान विशेषज्ञ प्रभाकर सिंह, आजीविका योजना के चर्तुवेदी आदि मौजूद थे।

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