उत्तराखंड

प्रदेश सरकार ने राजनैतिक द्वैष भावना से की सदस्यता रद्द: हरीश ऐठानी

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बागेश्वर। शामा सीट से जिला पंचयत चुने गए हरीश ऐठानी ने कहा कि उनकी सदस्यता को भाजपा सरकार ने राजनैतिक द्वैष भावना के साथ रद की थी, इस मामले को लेकर वह न्यायालय में गए। वहां दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। उन्होंने कहा कि सच्चाई परेशान जरूरत हो सकती है, लेकिन उसकी हार नहीं सकती है। न्यायालय का यह निर्णय उन लोगों के लिए भी सबक का काम करेगी जो लोकतंत्र पर भरोसा नहीं रखते हैं। कुमंविनि विश्राम गृह में पत्रकार वार्ता में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह 2014 में जनता द्वारा सदस्य के रूप में चुने गए। उसके बाद वह अध्यक्ष बने। तब उन्हें तथा उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा समर्थित सदस्य को दस-दस मत मिले। बाद में लटरी सिस्टम में से वह अध्यक्ष बन गए, लेकिन हारे हुए सदस्य से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। वहां से उनके पक्ष में निर्णय आया और उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। बाद में सरकार ने उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया। जिसकी जांच कमीश्नर से लेकर सरकार ने भी की, जांच में उन पर लगे आरोप निराधार साबित हुए। जांच 2018 में पूरी हो गई। इसके बाद 2019 के चुनाव में वह शामा और उनकी पत्नी वंदना बड़ेत सीट से जिपं सदस्य चुने गए। इससे भाजपा और उनकी सरकार तिलमिला गई। उन्होंने राजनैतिक द्वैष भावना ने उनकी सदस्यता रद करने का षडयंत्र रचा। 30 अप्रैल 2023 को उन्होंने जिला योजना की बैठक में भाग लिया और एक अप्रैल को तहसीलदार के माध्मय से उन्हें जिपं सदस्य की सदस्यता रद होने की सूचना मिली। सरकार की मंशा के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां से उन्हें न्याय मिला। भाजपा सरकार का काम यही रह गया है कि वह जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की सदस्यता खत्म करें,लेकिन भारत का लोकतंत्र इतना कमजोर नहीं जो इनके मंसूबों को पूरा होने देगा। आज न्यायालय ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया है। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवत डसीला, पूर्व अध्यक्ष लोकमणि पाठक, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, कपकोट नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद बिष्ट आदि मौजूद रहे।

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