उत्तराखंड

शारदा की तेज लहरों ने षि भूमि को चपेट में लिया

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

चम्पावत। शारदा नदी की तेज लहरों ने ग्रामीण इलाकों की षि भूमि को अपने चपेट में ले लिया है। बारिश शुरु होते ही नदी तट वाले इलाकों में भू-कटाव शुरु हो गया है। ग्रामीणों ने भू-कटाव रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध करने को कहा है। पहाड़ो में हो रही बारिश से शारदा नदी उफान में आ गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र क्षेत्र गैड़ाखाली, थ्वालखेड़ा, उचौलीगोठ, खेतखेड़ा सहित तमाम जगहों में भू-कटाव शुरु हो गया है। थ्वालखेड़ा ग्राम प्रधान दीपा बोहरा और उचौलीगोठ ग्राम प्रधान पूजा महर ने बताया कि शारदा नदी की तेज लहरें तेजी से षि योग्य भूमि का कटाव कर रही है। जिस कारण उनकी बागवानी को भी नुकसान हुआ है। बताया कि हर साल षि भूमि को बचाने के लिए अस्थाई वायर क्रेट नदी तट वाले इलाकों में डाले जाते हैं। लेकिन उनसे शीर्फ सरकारी धन की बर्बादी हो रही है। ग्रामीणों ने स्थाई समाधान की मांग की है। सिंचाई विभाग के एसडीओ आरके यादव ने बताया कि तटबंधों का निर्माण किया जाना है।
थ्वालखेड़ा में बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जाएं
टनकपुर। किरोड़ा नाले का पानी डायवर्ट होकर गांव की ओर होने से थ्वालखेड़ा के ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों ने शीघ्र बाढ़ सुरक्षा उपाय किए जाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में एसडीएम के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भेजा। बुधवार को थ्वालखेड़ा प्रधान प्रतिनिधि सुंदर बोहरा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने एसडीएम सुंदर सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि किरोड़ा नाले का पानी डायवर्ट होकर गांव की ओर आ रहा है। जिससे समस्त ग्रामीणों को जान-माल का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने शीघ्र ही वायर क्रेट डाले जाने की मांग की है। यहां हरीश चंद्र, जगदीश थ्वाल, लक्ष्मी जोशी, ष्ण सिंह महर, लक्ष्मी थ्वाल, आदि रहे।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!