कोटद्वार-पौड़ी

आवारा पशु : नगर निगम सो रहा चैन की नींद और मुसीबत झेल रही आम जनता

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-नगर व आसपास के क्षेत्रों में लगातार बढ़ती जा रही है बेसहारा पशुओं की संख्या
-बेसहारा पशु रोज चोटिल कर रहे लोगों को, नेशनल हाईवे पर जाम का भी बन रहे कारण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नगर निगम कोटद्वार क्षेत्र के अंतर्गत बेसहारा पशुओं का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन यह पशु बीच सड़क पर लड़ते हुए देखे जा सकते हैं। बीती 17 मार्च को भी नेशनल हाईवे पर तहसील के पास दो सांडों की लड़ाई से हाईवे पर वाहनों का लंबा जाम लगा दिया था। नगर निगम इन पशुओं को गोशालाओं में डालने के दावे तो करता है, लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। बेसहारा पशुओं के आतंक के बीच जहां नगर निगम चैन की नींद सो रहा है, वहीं आम जनता को रोज मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
नगर निगम की ओर से काशीरामपुर तल्ला में बेसहारा गोवंश को सहारा देने के लिए गोशाला बनाई गई है, लेकिन लापरवाही के चलते अभी तक इसका नियमित रूप से संचालन शुरू नहीं हो सका है। जिसका खामियाजा कोटद्वार की जनता को रोज भुगतना पड़ रहा है। कई बार यह बेसहारा पशु व्यापारियों के खाद्य पदार्थों को भी नुकसान पहुंचा देते हैं, जिससे व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसके अलावा यह बेसहारा पशु नेशनल हाईवे पर बीचोंबीच लेट जाते हैं या आपस में लड़ते रहते हैं। जिससे रोज लोगों को जाम के झाम से जूझना पड़ता है।

बेसहारा पशुओं को गोशाला में रखने पर बरती जा रही अनियमितता पर राज्यपाल दे चुके हैं जांच के आदेश
सरकार से अनुदान के रूप में लाखों रुपये लेने के बावजूद बेसहारा पशुओं का ठीक से रख-रखाव न करने समेत अन्य अनियमितताओं की शिकायत पर राज्यपाल ने पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी को कोटद्वार की दो गोशालाओं की जांच के आदेश दिए हैं। जिसमें कहा गया है कि आकृति सेवा समिति आम पड़ाव की व नगर निगम की ओर से दी गई गोशाला में कथित रूप से व्याप्त अनियमितता की जांच की जाए।

गोवंश को सड़क पर छोड़ने वालों पर भी नहीं होती कार्रवाई
शहर की व्यवस्था को लेकर नगर निगम इतना उदासीन बना हुआ है कि आज तक गोवंश को सड़क पर छोड़ने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यही नहीं इसे लेकर निगम ने कोई नियम भी नहीं बनाए हैं और न ही लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाता है। जिससे लोग भी बिना किसी डर के गोवंश को सड़क पर छोड़ देते हैं। यदि निगम सख्ती दिखाए तो लोग भी गोवंश को सड़क पर नहीं छोड़ेंगे। जिससे व्यवस्था अपने आप ही सुधरने लगेगी।

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