देहरादून। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। संयुक्त नागरिक संगठन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री और राज्य शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर देशभर में निजी स्कूलों की मनमानी रोक के लिए कठोर कदम उठाने की मांग की है। पत्र में कहा कि निजी स्कूलों की ओर से हर साल नए शिक्षा सत्र में प्रवेश शुल्क के रूप में मनमानी की जा रही है। संगठन सचिव सुशील त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य जहां स्कूलों में शिक्षा प्रदान करना है, वहीं प्राइवेट स्कूलों ने इसे व्यवसाय का साधन बना लिया है और अभिभावक इससे आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। कठोर दंडात्मक प्रावधानों के अभाव में उत्तराखंड में स्थानीय प्रशासन दोषी स्कूलों के खिलाफ भारी दंडात्मक कार्रवाई करने, इनकी मान्यता रद्द करने और सील कराने में अक्षम है।