जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग पर सख्त रुख, सीआरपीएफ की पांच और कंपनियां रवाना
नई दिल्ली , एजेंसी। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की लगातार बढ़ती घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की पांच और कंपनियों को केंद्र शासित प्रदेश के लिए रवाना किया है। जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ की ये कंपनियां एक सप्ताह में तैनाती संभाल लेंगीं।
सोमवार को प्रदेश के पुराने श्रीनगर के बोहरी कदल इलाके मे आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित की दुकान के सेल्समैन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद यहां तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया है। इस घटना से एक दिन पहले ही श्रीनगर के बटमालू इलाके में आतंकिवादियों ने एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी।
सीआरपीएफ ने इसे लेकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल में हुई नागरिकों की हत्याओं को देखते हुए बल की पांच अतिरिक्त कंपनियों को यहां भेजा जा रहा है। एक सप्ताह में इनकी तैनाती हो जाएगी। सीआरपीएफ ने यह भी बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में इस साल अब तक कुल 112 आतंकी मार गिराए गए हैं और 135 को पकड़ा गया है।
भारतीय जनता पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंद्र रैना के केंद्र शासित प्रदेश में टारगेट किलिंग की घटनाओं के पीटे पाकिस्तान का हाथ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घाटी में आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाकर की जा रही निर्दोष नागरिकों की हत्याओं के पीटे पाकिस्तानी साजिश है। वह यहां की शांति भंग करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी मुस्लिमों और इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन है। ये आतंकी हमारे सुरक्षा बलों के सफल आतंक विरोधी अभियानों से परेशान हैं। इसीलिए अंधेरे में आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बल आतंकियों, उनके समर्थकों और उनके प्रति हमदर्दी रखने वालों को जवाब देने के लिए प्रतिबद्घ हैं।
एक साल के अंदर जम्मू-कश्मीर में कुल 33 नागरिक मारे गए हैं। इनमें से 27 की जान आतंकवादियों ने ली है। आतंकवादियों ने श्रीनगर में 12, पुलवामा में चार, अनंतनाग में चार, कुलगाम में तीन, बारामुला में दो और बड़गाम व बांदीपोरा में एक-एक आम नागरिक की जान ली है। सोमवार को सेल्समैन की हत्या एक अक्तूबर के बाद 13वीं हत्या है।