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कोवाक्सिन और कोविशील्ड को 96 देशों में मान्यता, देश में लगीं 109 करोड़ से अधिक खुराकें

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नई दिल्ली , एजेंसी। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत में दो टीके तैयार किए गए हैं। इनमें से एक स्वदेशी कोवाक्सिन है जिसे हैदराबाद की भारत बायोटेक ने बनाया है और दूसरी कोविशील्ड है जिसे विकसित किया है अक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने और इसका उत्पादन भारतीय सीरम संस्थान कर रहा है। अब तक इन दोनों टीकों को दुनिया भर के 96 देश मान्यता दे चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आठ टीकों को आपात उपयोग सूची (ईयूएल) को जगह दी है। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इनमें भारत के दोनों टीके कोवाक्सिन और कोविशील्ड भी शामिल हैं। इसके बाद से दुनिया भर के 96 देशों की ओर से इन दोनों टीकों को मान्यता दी जा चुकी है।
भारत में फिलहाल ऐसी है टीकाकरण की स्थिति
देश में अब तक कोरोना रोधी टीकों की 109 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी हैं। अकेले मंगलवार की बात करें तो शाम पांच बजे तक देशभर में 48 लाख 73 हजार से ज्यादा खुराकें लगाई जा चुकी हैं। देश में अब तक 74 करोड़ 49 लाख 78 हजार 288 लोगों को टीके की पहली और 35 करोड़ छह लाख 70 हजार 932 लोगों को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास अब भी कोविड टीकों की 15़92 करोड़ खुराकें मौजूद हैं। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अब तक टीकों की 116 करोड़ से अधिक खुराकें मुहैया कराई जा चुकी हैं और उपलब्धता बरकरार रख कर टीकाककरण अभियान की गति बढ़ाई जा रही है।
भारत में कोरोना महामारी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी। इसके पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया था। वहीं, दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को इसके दायरे में लाया गया था। एक मई को केंद्र सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीकाकरण के दायरे में शामिल किया था।
वहीं, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि आज महाराष्ट्र ने 10 करोड़ कोरोना वैक्सीन खुराक के बेंचमार्क को पार कर लिया है। सभी जिला अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी से यह संभव हुआ।

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