कोटद्वार-पौड़ी

छात्रों ने सीखें वाद्य यंत्रों के बजाने के गुर

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श्रीनगर गढ़वााल : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत गढ़वाली भाषा के पठन-पाठन तथा लोक संगीत साहित्य का विकास एवं क्रियान्वयन विषय पर चार दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस मौके पर लोक साहित्य के प्रति रुचि रखने वाले छात्र-छात्राएं ने अपनी लोक संस्कृति एवं वाद्य यंत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
कार्यशाला में प्रसिद्ध ढोल वादक डा. सोहन लाल ने ढोल सागर के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने ढोल-दमांऊ, डौंर-थाली बजाने का प्रशिक्षण दिया। इस मौके पर वाद्यय यंत्रों के साथ मांगल गीत, गढ़वाली भाषा में सस्वती वंदना एवं गढ़वाली देशभक्ति का आह्वान का फिल्मांकन किया गया। वहीं कार्यशाला में प्रसिद्ध कवि वरिष्ठ पत्रकार एवं रंगकर्मी गणेश खुगशाल ने लोक संगीत के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बताया। इस मौके पर संस्थान के प्राचार्य एलएस दानू ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डा. एमएस कलेठा, विनय किमोठी, धमेंद्र नेगी, डा. एनपी उनियाल, डॉ. जेएस पुण्डीर, डॉ. डीएन लिंगवाल, डा. लता पाण्डेय आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)

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