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आदित्य-एल1 की सफल लॉन्चिंग, लैग्रेंजियन-1 बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे; पीएम मोदी ने दी बधाई

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बंगलूरू/नई दिल्ली, एजेंसी। चंद्रयान-3 की सफलता के कुछ दिन बाद भारत ने शनिवार को अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ को प्रक्षेपित किया। प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के रॉकेट पीएसएलवी से किया गया। सूर्य के अध्ययन के लिए ‘आदित्य एल-1’ को धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंजियन-1’ बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।
इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने शनिवार को कहा कि भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के साथ, देश कुछ पूर्वानुमान मॉडल विकसित कर सकता है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक लचीलापन योजना तैयार कर सकता है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न घटनाओं को समझने के लिए सौर सतह का अध्ययन करना बहुत महत्वपूर्ण है जो हमारी स्थानीय मौसम स्थितियों को तुरंत प्रभावित करते हैं। जलवायु परिवर्तन के अध्ययन में सौर विकिरण की दीर्घकालिक परिवर्तनशीलता भी एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है। इसलिए, इन सभी क्षेत्रों में, इस अद्वितीय मिशन के माध्यम से मौलिक ज्ञान प्राप्त किया जाएगा।
आदित्य एल1 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह भारत के लिए एक सुखद क्षण है। भारतीय वैज्ञानिक वर्षों से काम कर रहे थे, दिन-रात मेहनत कर रहे थे। आदित्य एल1 का सफल प्रक्षेपण संपूर्ण विज्ञान और संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण का भी प्रमाण है जिसे हमने अपनी कार्य संस्कृति में अपनाने की कोशिश की है।
आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को इच्छित कक्षा में स्थापित किया गया है। मैं आदित्य एल1 को सही कक्षा में स्थापित करने के लिए पीएसएलवी को बधाई देना चाहता हूं।
आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण पर आदित्य एल-1 की परियोजना निदेशक निगार शाजी ने कहा कि यह एक सपने के सच होने जैसा है। मुझे बेहद खुशी है कि आदित्य एल-1 को पीएसएलवी द्वारा इंजेक्ट किया गया है। आदित्य एल-1 ने अपनी 125 दिनों की लंबी यात्रा शुरू कर दी है। एक बार जब आदित्य एल-1 कमिशन हो जाएगा, तो यह देश और वैश्विक वैज्ञानिक बिरादरी के लिए एक बड़ी कामयाबी मैं इस मिशन को संभव बनाने में उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए पूरी टीम को धन्यवाद देना चाहती हूं।
इस बीच कांग्रेस ने भी ‘आदित्य एल1’ मिशन को देश के लिए शानदार उपलब्धि करार दिया और इसकी ऐतिहासिक परिष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि परियोजना को साल 2009 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मंजूरी मिली थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेताओं ने सफल लॉन्चिंग के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी।
पीएम मोदी ने बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। इसरो को भी भारत के पहले सौर मिशन आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।
प्रक्षेपण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, पहली अर्थबाउंड फायरिंग तीन सितंबर को
पीएसएलवी-सी57 द्वारा आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यान ने उपग्रह को ठीक उसकी इच्छित कक्षा में स्थापित कर दिया है। भारत की पहली सौर वेधशाला ने सूर्य-पृथ्वी छ1 बिंदु के गंतव्य के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है। इसरो का कहना है कि आदित्य-एल1 ने बिजली पैदा करना शुरू कर दिया है। सौर पैनल तैनात हैं। पहली अर्थबाउंड फायरिंग तीन सितंबर को लगभग 11:45 बजे निर्धारित है। इस दौरान मिशन अगली कक्षा में प्रवेश करेगा।
‘आदित्य-एल1’ की सफल लॉन्चिंग
‘आदित्य-एल1’ पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया। ‘आदित्य-एल1’ को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया।
अमित शाह ने दी बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर में कहा कि मैं आदित्य एल-1 मिशन के शुभारंभ पर सभी को हार्दिक बधाई देता हूं।
‘भारत माता की जय’ के नारे लगे
श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 को लेकर इसरो के पीएसएलवी रॉकेट के उड़ान भरने के दौरान भीड़ ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।
तीसरा चरण पूरा हो चुका है
इसरो के आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को कवर करने वाला पेलोड पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलते ही अलग हो गया है। पीएसएलवी के पृथक्करण का तीसरा चरण पूरा हो चुका है।
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ आदित्य-एल1
भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च हुआ।
देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ को प्रक्षेपित किया गया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ को प्रक्षेपित कर दिया है। प्रक्षेपण पीएसएलवी रॉकेट से किया गया।
जी. माधवन नायर ने कही यह बात
आदित्य एल-1 मिशन पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने कहा कि यह मिशन बहुत महत्वपूर्ण है। आदित्य एल-1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के आसपास रखा जाएगा, जहां पृथ्वी और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल लगभग शून्य हो जाता है और न्यूनतम ईंधन के साथ, हम वहां अंतरिक्ष यान बनाए रख सकते हैं। इसके अलावा 24/7 अवलोकन संभव है। अंतरिक्ष यान में सात उपकरण लगाए गए हैं। इस मिशन के डेटा से वायुमंडल में होने वाली विभिन्न घटनाओं, जलवायु परिवर्तन अध्ययन आदि को समझाने में मदद मिलेगी।

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