सुप्रीम कोर्ट ने दिया भरोसा, फ्लैट खरीदारों को उनका पूरा पैसा किया जाएगा वापस
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोएडा में रियल एस्टेट फर्म सुपरटेक के 40 मंजिला ट्विन टावर्स के घर खरीदारों को आश्वासन दिया कि उन्हें बिल्डर के पास जमा की गई पूरी राशि वापस कर दी जाएगी। शीर्ष अदालत ने दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही फर्म के अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में एक करोड़ रुपये जमा करने को भी कहा। नोएडा के सेक्टर 93ए के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में सुपरटेक के 40-मंजिला ट्विन टावर्स को 28 अगस्त को गिराया जाना है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, एएस बोपन्ना और जेबी पारदीवाला की बेंच ने कहा कि घर खरीदारों को उनका पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। लेकिन फिलहाल उन्हें एक करोड़ रुपये में से भुगतान किया जाएगा, जिसे आईआरपी द्वारा 30 सितंबर तक जमा कर दिया जाएगा।
शीर्ष अदालत पिछले साल के अदालत के आदेश के अनुसार घर खरीदारों द्वारा धनवापसी की मांग करने वाली अवमानना याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि ट्विन टावर्स के घर खरीदारों को अदालत के 31 अगस्त, 2021 के आदेश के अनुपालन में उनका रिफंड मिले। हम आईआरपी को इस अदालत की रजिस्ट्री में एक करोड़ रुपये की राशि जमा करने का निर्देश देते हैं। पीठ ने कहा कि न्याय मित्र गौरव अग्रवाल अक्टूबर के पहले सप्ताह में आईआरपी के साथ बैठेंगे और संयुक्त रूप से घर खरीदारों की बकाया राशि पर काम करेंगे और सुनवाई की अगली तारीख से पहले विवरण जमा करेंगे ताकि कुछ राशि का वितरण किया जा सके।
न्याय मित्र और आईआरपी संयुक्त रूप से घर खरीदारों के बकाया पर काम करेंगे, जिन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। पीठ ने अग्रवाल की इस दलील पर गौर किया कि वर्तमान में कंपनी की कर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया केवल सुपरटेक इको विलेज प्रोजेक्ट तक ही सीमित है और नेशनल कंपनी ल अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के पास कंपनी के राजस्व का 70 प्रतिशत उपयोग किया जाएगा। रुकी हुई परियोजनाओं के निर्माण को पूरा करने के लिए और 30 प्रतिशत का उपयोग अन्य प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।