उत्तराखंड

दुष्कर्म मामले में तरुण साह को नहीं मिली अग्रिम जमानत

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने महिला से दुष्कर्म मामले में आरोपी एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष तरुण साह के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि आरोपी की पूर्व में गिरफ्तारी पर रोक लगी थी। उसके बाद वह पीड़िता को डराता-धमकाता रहा। आरोपी का परिवार राजनीतिक पार्टी से संबंध रखता है, इसलिए वह बार-बार पीड़िता को थाने में बुलाकर केस वापस लेने का दवाब बनाता रहा। उसने पीड़िता के साथ कई बार संबंध बनाए। जब उसने मना किया तो उसने उसका मानसिक व शारीरिक शोषण करना शुरू कर दिया। पुलिस ने भी पीड़िता का मुकदमा दर्ज नहीं किया। एसएसपी से शिकायत करने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। आरोपी के पास पिस्टल है। उसने अक्सर अपने साथियों के साथ उसका पीछा किया और घर आकर धमकी देता रहा। वहीं आरोपी के वकील ने कहा कि यह दुष्कर्म का मामला नहीं है। पीड़िता व तरुण साह एक दूसरे को 2018 से जानते हैं। अब जाकर पीड़िता ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इनके बीच जो संबंध बने आपसी रजामंदी से बने, इसलिए यह रेप का केस नहीं है। इसमें गलत नीयत से फंसाया जा रहा है।

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