स्वयं सेवियों को सिखाए आपदा से बचाव के गुर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के राष्ट्रीय सेवा योजना के पांचवें दिन स्वयं सेवियों को आपद से बचाव के तरीके बताए गए। इस दौरान स्वयं सेवियों से जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की अपील की गई।
शनिवार को स्वयं सेवियों को आपदा प्रबन्धन टीम द्वारा आपदा के समय बचाव के गुर सिखाये। जिसमें महाविद्यालय के व्यावसायिक भवन के छत से रस्सी के सहारे उतरने की ट्रेनिंग दी गई। अनेक स्वयंसेवियों ने इसमे प्रतिभाग किया, इसके साथ ही रस्सी पर नोट बांधना और अन्य उपकरणों का आपदा के समय प्रयोग की विधि बतलाई गई। सायं कालीन सत्र में बौद्धिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता वन विभाग लैंसडौन प्रभाग के डीएफओ दिनकर तिवारी ने बेसिक व सरल जानकारी उत्तराखण्ड के सन्दर्भ में साझा की। कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपनी जड़ो से जुड़ना जरूरी है। विशिष्ट वक्ता प्रो. एमडी. कुशवाहा ने पर्यावरण के मूलभूत घटकों की जानकारी दी। साथ ही पर्यावरण महत्ता पर विशेष बल दिया। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने कहा कि स्वयं सेवियों को संवेदनशीलता के साथ पर्यावरण संरक्षण पर अमल करना चाहिए। उन्होंने कर्म पथ पर चलने की प्रेरणा भी दी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रोशनी असवाल ने स्वयं सेवियों को स्वच्छता और स्वस्थ जीवन हेतु जागरुक होने के लिए प्रेरित किया। बौद्धिक सत्र के अन्त में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सरिता चौहान ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्वयंसेवियों को प्रकृति संरक्षण के विषय में जानकारी दी।