उत्तराखंड

शिक्षकों ने काउंसलिंग निरस्त न करने पर दी आंदोलन की चेतावनी

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रुद्रप्रयाग : प्राथमिक शिक्षक संघ ने जनपद में शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर की जा रही काउंसलिंग का विरोध किया है। संघ ने स्थानांतरण समिति प्रारम्भिक शिक्षा के अध्यक्ष और सचिव को ज्ञापन भेजा है। जिसमें उन्होंने पांच सूत्रीय मांगों पर कार्यवाही करने को कहा है। साथ ही कहा कि शिक्षक हित में यदि शीघ्र उक्त काउंसलिंग को निरस्त नहीं किया गया तो शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। स्थानांतरण समिति के पदाधिकारियों को भेजे ज्ञापन में प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह झिंक्वाण, जिला मंत्री दिनेश चन्द्र भट्ट एवं कोषाध्यक्ष रघुवीर बुटोला ने कहा कि जनपद में 7 जुलाई को संपंन हुई काउंसलिंग को निरस्त किया जाए। साथ ही अधिनियम और शासनादेशों के अनुरूप स्थानांतरण करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षकों की बहुप्रतिक्षित मांग के अनुरुप स्थानान्तरणों में पारदर्शिता के लिए काउंसलिंग का शासनादेश जारी हुआ। जिसमें काउंसलिंग के माध्यम से स्थानांतरण प्रक्रिया को संपंन कराने को कहा गया। किंतु स्थानान्तरण अधिनियम की सुसंगत धाराओं की गलत व्याख्या करते हुए अधिनियम का मजाक उड़ाया गया है। शिक्षकों को प्रत्येक श्रेणी के स्थानान्तरणों में अपने गृह विकासखण्ड से बाहर पदस्थापना का नियम अपनी मनमर्जी से थोपा गया है। अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरण की श्रेणी में सुसंगत धाराओं में आवेदन होने के बाद पद रिक्त होने पर भी रिक्त पद के प्रति शतप्रतिशत शिक्षकों को इसका लाभ नहीं दिया गया। शिक्षकों के साथ बहुत ही अनुचित व्यवहार कर गलत नियम थोपते हुए स्थानान्तरण त्यागने पर मजबूर किया गया है। प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षक हित में उक्त काउंसलिंग को निरस्त करते हुए नये सिरे से समय रहते फिर से काउंसलिंग करते हुए पात्र शिक्षकों को स्थानान्तरण का अधिक से अधिक लाभ दिया जाए। अन्यथा शिक्षक अपने साथ हुए अन्याय के विरुद्ध आन्दोलन करने को बाध्य होंगे। (एजेंसी)

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