टिहरी के बाद रूद्रप्रयाग भी हुआ कोरोना मुक्त
देहरादून। उत्तराखंड का टिहरी व रूद्रप्रयाग जनपद अब पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गया है।
प्रदेश में भले ही कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 3161 पहुंच गया है। लेकिन प्रदेश में 2 जिलों से बेहद ही अच्छी खबर आई है जी हा आज प्रदेश के दो ऐसे जिले सामने आए हैं जहां पर कोरोनावायरस खत्म हो गया है । उल्लेखनीय है कि रुद्रप्रयाग और टिहरी दो ऐसे जिले हैं जहां पर आज 0 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। साफ है लगातार कोशिशों के चलते यह मुकाम दोनों जिलों ने हासिल किया है आपको बता दें रुद्रप्रयाग में 65 कोरोना मरीज मिले थे तो वही टिहरी गढ़वाल में 420 कोरोनावायरस के मरीजो के मामले सामने आए थे ।आज 37 नए कोरोना मरीज मिले हैं वहीं प्रदेश में ठीक होने वालों का आंकड़ा 2586 पहुंच गया है रिकवरी रेट 81़ 81 परसेंट पहुंच गया है वहीं प्रदेश में डबलिंग रेट भी लगभग 60 दिन पहुंच गया है राज्य में अब कुल 505 एक्टिव केस मौजूद हैं।देशभर में जहाँ कोरोना संक्रमण के मामलों ने रफ्तार पकड़ रखी है, वहीँ उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जनपद अब पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गया है। रुद्रप्रयाग जनपद में कुल 66 लोग कोरोना बीमारी से संक्रमित हुए थे, परन्तु जनपद से राहत भरी खबर आई है कि सभी 66 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ होकर अपने-अपने घर लौट चुके हैं। सोमवार को जिले के कोटेश्वर अस्पताल में भर्ती हुए 05 कोरोना पजिटिव लोगों को भी स्वस्थ होने पर होम क्वारंटीन के लिए मुक्त कर दिया गया है। जिसके बाद अब जिले में कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं है। इस तरह अब जिले में कोरोना का रिकवरी रेट 100 फीसदी हो गया है। सोमवार को कोटेश्वर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए सभी पांचों लोगों को रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने पुष्प गुच्छ भेंट किये व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तालियां बजाकर रवाना किया। इस अवसर पर विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि जनपद को कोरोना मुक्त करने में सभी चिकित्सकों के साथ ही सभी ने पूर्ण मनोयोग से कार्य किया है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ड़ बीपी शुक्ला ने बताया कि सोमवार को आइसोलेशन वार्ड में रखे गए पांच व्यक्तियों को डिस्चार्ज कर दिया गया। डिस्चार्ज किए गए व्यक्ति ऊखीमठ व अगस्त्यमुनि ब्लक के हैं। इनमें तीन पुरुष व दो बच्चियां शामिल हैं। सभी को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। डा ़शुक्ला ने बताया कि जनपद में अब तक कुल 66 व्यक्ति कोरोना पजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 100 प्रतिशत अर्थात 66 लोगों को उपचार के उपरांत स्वस्थ होने पर होम क्वारंटाइन के लिए मुक्त किया है।