उत्तराखंड

नाबालिग से दुराचार के दोषी को दस साल की जेल

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नई टिहरी। विशेष न्यायाधीश पोक्सो अनुज कुमार संगल की अदालत ने नाबालिग से दुराचार के मामले में दोषी को दस साल कठोर कारावास की सजा के साथ पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा जमा न करने पर दोषी को तीन माह की अतिरिक्त जेल काटनी होगी।
विशेष लोक अभियोजक चंद्रवीर सिंह नेगी ने बताया कि बीते 28 अगस्त 2016 को अभियुक्त मनीष पुत्र सुंदर दास निवासी तुरतुरिया धनोल्टी ने अपने जान पहचान की 16 वर्षीय नाबालिग से उसके घर में घुसकर जबरन उसके साथ दुराचार की घटना को अंजाम दिया, जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। पीड़िता ने घटना के बारे में अपनी मां बताया, जिसके बाद मां ने बेटी के साथ हुये दुराचार के खिलाफ थाना थत्यूड़ में तहरीर दी। पुलिस ने 28 अगस्त सांय को आरोपी को धनोल्टी के जंगलों से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी का मेडिकल टेस्ट करवाया, चिकित्सकों की मेडिकल रिपोर्ट में आरोपी द्वारा नाबालिग के साथ दुराचार की पुष्टि सही पाई गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया।
बुधवार को अभियोजन चंद्रवीर नेगी ने आरोपी मनीष के खिलाफ अदालत में 11 गवाह सहित कई अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किये। गवाहों और दस्तावेज के आधार पर विशेष न्यायाधीश पोक्सो अनुज कुमार संगल की अदालत ने दोषी को दस साल कारवास के साथ पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजक ने बताया विशेष न्यायाधीश की ओर से राज्य सरकार को एक माह के भीतर पीड़िता को 15 हजार रुपये प्रतिकर के रुप में देने को कहा गया है।

 

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