उत्तराखंड

योजनाओं के अधिकार को लेकर जल संस्थान में तनातनी बढ़ी

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देहरादून। योजनाओं के टेंडर डिवीजन की बजाय सीधे मुख्यालय से होने पर जल संस्थान में इंजीनियरों के बीच तनातनी की स्थिति पैदा हो गई है। डिवीजनों ने मुख्यालय से स्मार्ट मीटर के सीधे टेंडर किए जाने पर लिखित में एतराज जताया। टेंडरों के सेंट्रलाइज सिस्टम पर भी विभागीय इंजीनियरों ने सवाल उठाए। जल संस्थान मुख्यालय में सेंटर स्टोर से ही देहरादून इंदिरा नगर में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के टेंडर किए गए। देहरादून इंदिरा नगर क्षेत्र जल संस्थान की पित्थूवाला शाखा के अधीन आता है। इस टेंडर को लेकर डिवीजन स्तर से इस्टीमेट बनाया गया। जब टेंडर करने का नंबर आया, तो सेंटर स्टोर ने इसे सीधे अपने स्तर से कर दिया। इसी को आधार बनाते हुए अधिशासी अभियंता पित्थूवाला ने सेंटर स्टोर से सीधे टेंडर किए जाने पर सवाल उठाए। इसे सीधे तौर पर डिवीजन के काम में हस्तक्षेप बताया। साफ किया कि यदि सेंटर स्टोर से ही प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है, तो भविष्य में डिवीजन स्तर की कोई जिम्मेदारी नहीं रहेगी। अधिशासी अभियंता के इस पत्र से मुख्यालय में असहज स्थिति पैदा हो गई। क्योंकि जल संस्थान में कई डिवीजन, सर्किल खुद अपने स्तर पर सीधे सभी फैसले ले रहे हैं तो कहीं डिवीजनों को उनके क्षेत्र में होने वाले कार्यों की जानकारी तक तब मिल रही है, जब टेंडर जारी हो रहे हैं। इस मामले में सीजीएम नीलिमा गर्ग ने अधिशासी अभियंता पित्थूवाला की ओर से पत्र दिए जाने की पुष्टि की। कहा कि कुछ बिंदुओं पर जरूर सवाल उठाए गए थे। जिन्हें दूर कर स्थिति स्पष्ट कर दी गई है।

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