टीएचडीसी ने धूमधाम से मनाया 36वां स्थापना दिवस
नई टिहरी। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने टिहरी में 36वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया। टीएचडीसीआईएल के बहुउद्देशीय भवन प्रांगण में स्थापना दिवस समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्य महाप्रबंधक ओ एण्ड एम आरआर सेमवाल ने टीएचडीसी इंडिया के ध्वज का ध्वजारोहण कर किया। सीएसआईएफ के जवानों ने इस मौके पर गार्ड आफ की सलामी दी।
इस मौके पर अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड आरके विश्नोई ने कारपोरेट कार्यालयाषिकेश से विभिन्न यूनिटों में कार्यरत कार्मिकों को आन लाइन प्रसारण के माध्यम से संबोधित कर शुभकामनायें देते हुए कहा कि संस्थान के हित में कर्मचारी पूरी तन्मयता से काम करें। जिसके बाद आरआ सेमवाल ने अपने संबोधन में कहा कि टीएचडीसी अपना 36वां स्थापना दिवस धूमधाम से मना रही है। इसलिए हमें आगे भी इसी तरह से संस्थान को आगे बढ़ाते हुए टीएचडीसी की दीर्घायु के लिए काम करते रहना है। सभी के सहयोग से संस्थान को उच्च स्तर पर पहुंचाने का काम किया जा सकता है। टिहरी व कोटेश्वर बांध के अब पीएसपी का काम तेजी से किया जा रहा है। जिससे जल्दी ही उत्पादन शुरू कर देश निर्माण में एक ओर कदम आगे बढ़ाया जायेगा।
दूसरी ओर स्थापना दिवस पर कोटेश्वर हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में महाप्रबंधक अनिरुद्घ विश्नोई ने ध्वजारोहण कर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि टीएचडीसी देश निर्माण के साथ ही सीएसआर मद से लोगों की मदद के लिए निरंतर काम कर रहा है। हमें भी देश व संस्थान के पूरी इमानदारी से काम करना होगा। ताकि उर्जा क्षेत्र में हमारा योगदान श्रेष्ठ बना रहे। इस मौके पर महा प्रबंधक सीपी सिंह, महा प्रबंधक अभिषेक गौड़, महा प्रबंधक नियोजन एमके सिंह, अनूप राज गैरोला, विजय सहगल, दिनेश शुक्ला, नमिता डिमरी, दुर्गेश शुक्ला, प्रबंधक जन संपर्क मनबीर सिंह नेगी सहित दर्जनों मौजूद रहे।
विधायक किशोर ने स्थापना दिवस पर दी शुभकामनाएं
विधायक किशोर उपाध्याय ने टीएचडीसी के स्थापना दिवस पर टीएचडीसी परिवार को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनायें प्रदान की हैं। उपाध्याय ने कहा कि टीएचडीसी राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रदेश के विकास को नये रूप में परिभाषित कर रहा है। बांध के लिये अपना सब कुछ बलिदान करने वाले विस्थापितों व प्रभावितों के जीवन में भी उजाला आये, उसके लिये संकल्पित होना चाहिये, उसमें स्थानीय जन प्रतिनिधियों का सहयोग टीएचडीसी यदि लेगा तो उनके प्रयत्नों को नये आयाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी का मुख्यालय यदिाषिकेश स्थापित हुआ है, तो उसका श्रेय महा पंचायतों के संघर्ष और तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी बाजपेयी को जाता है। जिसका लाभ उत्तराखंड को मिल रहा है। अब राज्य को टीएचडीसी में अपनी 25 प्रतिशत भागीदारी लेनी है, मैं भी उसके लिये कार्य करूँगा। टीएचडीसी अब वैश्विक स्तर पर अपने पद छाप छोड़ रहा है, हमें गर्व है।