उत्तराखंड

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष करण माहरा के कार्यभार ग्रहण समारोह में प्रीतम सिंह सहित 11 विधायकों की गैरहाजिर

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देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस में विधायकों की नाराजगी और गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित 11 विधायकों की गैरहाजिरी, गढ़वाल की उपेक्षा के तंज और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की नाराजगी के बीच कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने रविवार को कार्यभार ग्रहण किया। राजीव भवन में दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक चले समारोह में कई बार असहज करने वाले असहज क्षण आए। और अंत में भी माहरा को पूर्व अध्यक्ष गोदियाल की अनुपस्थिति में कार्यभार ग्रहण करने की औपचारिकता पूरी करनी पड़ी। माहरा और हरीश रावत ने फोनकर गोदियाल से आने का अनुरोध किया लेकिन तब तक वो काफी दूर जा चुके थे। आज माहरा ने नए अध्यक्ष के रूप में कड़े तेवर भी दिखाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और विधायक दल के उपनेता के पद पर नियुक्ति में गढ़वाल की उपेक्षा की भरपाई की जाएगी। माहरा ने मंच पर बैठे सभी शीर्ष नेताओं के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं सबसे छोटा हूं।
खरी-खरी सुना गए गोदियाल, कहा – हम जहां खड़े होंगे वहीं लाइन शुरू होगी
कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के कार्यभार ग्रहण समारोह में पार्टी की गुटबाजी खुलकर देखने को मिली। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को खुली सभा में पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी खरी-खरी सुना गए। इतना ही नहीं गोदियाल मंच पर बैठे वरिष्ठ नेताओं को भी इशारों-इशारो में बहुत कुछ सुना गए। साथ ही करण माहरा को भी नसीहत देने से नहीं चूके। गणेश गोदियाल ने कहा कि जिस प्रकार से उनके इस्तीफे के बाद मीडिया से कहा गया कि गोदियाल से इस्तीफा मांगा गया है। तो क्या मैं इस उम्र में ही कंडम हो गया हूं? उन्होंने प्रभारी देवेंद्र यादव को साफ-साफ कहा हम आज भी जहां खड़े हो जाएं, तो लाइन वहीं से शुरू होती है़गोदियाल ने देवेंद्र यादव को सुनाई खरी-खोटीगोदियाल ने कहा उन्हें मात्र 7 माह का कार्यकाल मिला, तो उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ काम किया। उसके बाद जब पार्टी हारी तो उन्होंने स्वयं आकर प्रदेश प्रभारी से कहा कि वह इस्तीफा देना चाहते हैं। उसके बाद मीडिया के सामने भी खुल कर अपनी जिम्मेदारी निश्चित की थी, लेकिन जिस प्रकार से उन पर लांछन लगाए गए और उनकी ईमानदारी पर सवाल खड़े किए गए, उससे उनके दिल को ठेस पहुंती है, लेकिन यह मंच उसके लिए नहीं है। हतउन्होंने कहा जब मुझे मौका दिया गया तो मैं कांग्रेस को मजबूत करने के लिए नाइट वचमैन की तरह कार्य किया। गोदियाल ने देवेंद्र यादव को निशाने पर लेते हुए कहा जब उन्हें प्रदेश का प्रभार दिया जा रहा था, तो कांग्रेस के कई नेताओं से पूछा गया, लेकिन आज किसी को नहीं पूछा गया। उन्होंने कहा अगर कमांडर बनाना है तो उसे पूरा मौका देना, साथ ही उन्होंने करण माहरा को नसीहत दी कि अगर वह पार्टी हित में कई स्थानों पर चुप नहीं रहते तो, आज उन्हें आज कमजोर नहीं माना जाता। गणेश गोदियाल जहां प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर सीधा बरसे, तो वहीं नेता पर बैठे वरिष्ठ नेताओं को भी इशारों-इशारों में बहुत कुछ कहा। वहीं, देवेंद्र यादव ने कहा गणेश गोदियाल ने जो कम समय में पार्टी के लिए कार्य किया वह सराहनीय है।
2027 का आखिरी मौका रू हरदा
कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने कहा अब उनके पास 2027 का आखिरी मौका है। इसके लिए नए पदाधिकारियों को कहा कि अगर अभी से 40 सीटों को जीतने के लिए संकल्प नहीं लिया गया, तो यह मुश्किल होगा। आज से 2027 की तैयारी शुरू कर दी जाए। वहीं, हरदा ने विधायकों की नाराजगी पर कहा कि इसके लिए भी नवनियुक्त पदाधिकारियों से कहा गया है। हर कार्यकर्ता की बात सुनकर गढ़वाल क्षेत्र को भी एक प्रमुख पदों पर सुशोभित किया जाए। साथ ही कहा की किसी की नाराजगी नहीं है। इस दौरान उन्होंने हरीश धामी को लेकर कहा कि वह कांग्रेस के सबसे मेहनती सिपाही हैं। थोड़ा जोर से और जोश से कहते हैं, सब ठीक हो जाएगा़वहीं देवेंद्र यादव ने कहा उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने निर्णय लिया है। वह सबके स्वागत योग्य है और प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत किया जाएगा। साथ ही जो भी नाराजगी की बात है, उसको हाईकमान के पास रखा गया था। हाईकामान के निर्देश के बाद ही सभी निर्णय लिए गए हैं।

 

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