आंदोलनकारियों ने उठाई दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाली की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा ने मुख्यमंत्री से राज्य आंदोलनकारियों के लिए राज्य की सरकारी सेवाओं में दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाली व चिन्हीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग की है। मांगों के निराकरण को लेकर आंदोलनकारियों ने तहसील में प्रदर्शन किया और उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
ज्ञापन में आंदोलनकारियों ने कहा है कि खटीमा विधायक के रूप में मुख्यमंत्री ने सदन के बाहर और भीतर दोनों स्थानों पर राज्य आंदोलनकारियों की मांगों को प्रमुखता से उठाया। उनके मुख्यमंत्री बनने के पश्चात राज्य आंदोलनकारी अपनी मांगों के निराकरण को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में 31 दिसंबर 2021 को विभिन्न जिलों में आंदोलनकारी चिन्हीरण समितियों की बैठक हुई, लेकिन पौड़ी में कोई बैठक नहीं हुई। वहीं राज्याधीन सेवाओं में आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के विषय में 13 मार्च 2023 की गैरसैण कैबिनेट में वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता वाली कैबिनेट उप समिति की सिफारिश को मंजूरी दी गई, लेकिन आज तक सरकार की ओर से इस संबध में कोई अधिसूचना या अध्यादेश तक जारी नहीं किया गया, इस कारण आंदोलनकारियों में रोष पनप रहा है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से आंदोलनकारियों की मांगों पर 15 दिन के अंदर निर्णायक कार्रवाई करने की मांग की गई है और ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में मोर्चा अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत, गुलाब सिंह रावत, पुष्कर सिंह, नंदकिशोर डबराल, दुर्गा काला, रीना देवी, राकेश लखेड़ा, पार्वती अधिकारी और कल्पेश्वरी देवी आदि थे।