देश-विदेश

रूस से स्पुतनिक-वी टीके की पहली खेप लेकर आया विमान हैदराबाद में उतरा

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

हैदराबाद, एजेंसी। स्पुतनिक-वीवैक्सीन को गमालेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट अफ एपिडेमियोलजी एंड माइक्रोबायोलजी द्वारा विकसित की गई है। आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूस की वैक्सीनसे भारत को कोरोनामहामारी की दूसरी लहर से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
कोरोना संकट के बीच देश के लिए राहत की खबर आ रही है। दरअसल रूस से एक विमान स्पुतनिक-वी टीके की पहली खेप लेकर हैदराबाद में लैंड कर चुका है। विदेश मंत्रालय के अनुसार पहली खेप में डेढ़ लाख खुराक भारत पहुंचीहै। वहीं इसके बाद मध्य मई या माह के अंत तक 30 लाख खुराक और आएंगी। जून में 50 लाख खुराक और आएंगी। एक समाचार एजेंसी ने रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि भारत को एक मई को रूसी कोरोना वैक्सीन श्स्पूतनिक वीश् के पहली खेप मिल जाएगी।
वहीं इस मौके पर भारत में रूस के राजदूत एन कुदाशेव ने कहा कि रूस और भारत दोनों मिलकर इस खतरनाक महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्घ हैं। उन्होंने कहा कि स्पुतनिक वी वैक्सीन भारत में लोगों की जान बचाने का काम करेगी और यह विश्व में सबसे अधिक प्रभावी है।
बता दें, स्पुतनिक-वीवैक्सीन को गमालेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट अफ एपिडेमियोलजी एंड माइक्रोबायोलजी द्वारा विकसित की गई है। आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूस की वैक्सीनसे भारत को कोरोनामहामारी की दूसरी लहर से बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
भारत में इस वैक्सीन की निर्माता कंपनी ड़ रेड्डीज लैबोरेटरीज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दीपक सपरा ने एक इंटरव्यू में कहा,‘सीमित मात्रा में स्पूतनिक-वी की पहली खेप रूस से आयात की जाएगी। जैसे ही हम सीधे वैक्सीन की सप्लाई करने लगेंगे, रूस से आयात बंद कर दिया जाएगा। हमारी कंपनी ने भारत में स्पुतनिक-वीवैक्सीन बनाने के लिए छह उत्पादन इकाइयां चुनी हैं। इनमें से दो इकाइयों में जून-जुलाई से सप्लाई शुरू होने की उम्मीद है। अन्य दो इकाइयां अगस्त और आखिरी दो इकाइयां सितंबर-अक्टूबर से सप्लाई शुरू कर सकती हैं।’
सपरा ने आगे कहा, ‘रूस से आयात की जाने वाली वैक्सीन की पहली खेप सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार केंद्र, राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को दी जाएगी। अभी इस वैक्सीन की कीमत निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। आयात की गई वैक्सीन और देश में बनाई गई वैक्सीन की कीमतों में अंतर होगा।’ हालांकि, अधिकारी ने यह नहीं बताया कि कितनी वैक्सीन रूस से मंगाई जाएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!