उत्तराखंड

ब्रिटिशकालीन इमारत की बदलेगी सूरत

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अल्मोड़ा। मुख्य बाजार में स्थित ऐतिहासिक ब्रिटिशकालीन इमारत की सूरत जल्द बदलने वाली है। प्रशासन ने विक्टर मोहन जोशी महिला अस्पताल भवन के पुनर्निर्माण को पांच करोड़ की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी है। स्वीति मिलते ही भवन के निर्माण की अग्रिम प्रक्रिया शुरू होगी। दरअसल, जिला मुख्यालय में स्थित महिला अस्पताल का भवन काफी पुराना हो चला है। वर्तमान में अस्पताल का भवन कई जगह जीर्णशीर्ण हो चुका है। जिससे कई बार मरीजों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। इसी को देखते हुए प्रशासन ने महिला अस्पताल भवन के पुनर्निर्माण को योजना तैयार की है। बकायदा पुनर्निर्माण के लिए पांच करोड़ की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी दी है। भवन का पुनर्निर्माण होने के बाद प्रसव समेत अन्य उपचार के लिए आने वाली महिलाओं को खासी राहत मिलेगी। ऐतिहासिक है भवन जिस भवन में वर्तमान में महिला अस्पताल स्थापित है, वह भवन ऐतिहासिक है। पूर्व में यहां नगरपालिका का कार्यालय था। पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने बताया कि 4 मई 1930 को अलमोड़ा के सड़कों पर नवयुवक झंडा लेकर जुलूस निकालने लगे़ पूरे अल्मोड़ा में जुलूस निकालने के बाद विक्टर मोहन जोशी की अध्यक्षता में सभी नंदादेवी परिसर में एकत्र हुये। सभा में मोहन जोशी ने नैनीताल के नवयुवकों में फैली जागृति के विषय में सूचना दी गयी और युवाओं से विदेशी वस्त्रत्तें के बहिष्कार करने का आह्वान किया गया। इसके बाद शांतिलाल त्रिवेदी ने अपने सारगर्भित भाषण में विदेशी वस्त्रत्त् बहिष्कार का प्रतिज्ञापत्र पढ़ा और जनता ने बड़े उत्साह से उस पर हस्ताक्षर किये़ 25 मई 1930 के दिन अल्मोड़ा नगरपालिका भवन में राष्ट्रीय झंडा फहराने का प्रस्ताव सर्वसम्मिति से पारित किया गया था।
ब्रिटिशकालीन भवन में होता है अस्पताल संचालितरू महिला अस्पताल में नगर समेत जिले के दूरस्थ इलाकों और बागेश्वर व अन्य जिलों से महिलाएं उपचार समेत प्रसव को पहुंचती है। लेकिन ऐसे में वर्षो पुराने भवन होने से कई बार महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ती है। महिला अस्पताल का भवन ब्रिटिशकालीन भवन है।
महिला अस्पताल भवन के पुनर्निर्माण को पांच करोड़ की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी है। स्वीति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। -वंदना, डीएम अल्मोड़ा।

 

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