यात्रियों के मामले में रेलवे को टक्कर दे रहा विमानन क्षेत्र, 10 सालों में हवाई यात्रियों की संख्या होगी दोगुनी: ज्योतिरादित्य सिंधिया
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि भारत में अगले सात से 10 वषरें में कुल 40 करोड़ से अधिक हवाई यात्री होने की उम्मीद है। कोरोना महामारी से पहले भारत में हवाई यात्रियों की संख्या करीब 20 करोड़ थी। उद्योग मंडल एसोचौम द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में सिंधिया ने भारत में अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र की स्थापना पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी हवाईअड्डों पर एयरलाइंस, अधिक चौड़े आकार के विमानों के साथ ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रस्थान के बीच तालमेल की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि घरेलू एयरलाइंस के लिए वृद्घि के जबरदस्त अवसर हैं। इन कंपनियों के पास पांच वषरें में कुल 1,200 विमानों का बेड़ा होने की उम्मीद है। देश में 2026 तक हेलिपोर्ट और एयरोड्रम मिलाकर कुल 220 हवाईअड्डे होने का अनुमान है।
सार्वजनिक क्षेत्र की एनएमडीसी और उद्योग मंडल फिक्की की तरफ से आयोजित एक सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भरोसा जताया कि भारत आने वाले दिनों में इस्पात का सबसे बड़ा उत्पादक होगा। अभी चीन के बाद भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा कच्चे इस्पात का उत्पादक है। उन्होंने कहा कि भारत इस्पात के शुद्घ आयातक से शुद्घ निर्यातक बनने की ओर बढ़ा है। देश में प्रति व्यक्ति इस्पात खपत 2013-14 में 57़8 किलो थी, जो अब बढ़कर 78 किलो हो गई है।
उन्होंने कहा, आज के समय रेलवी के पहले और दूसरी एसी बोगियों से 12़5 करोड़ यात्री, यात्रा करते हैं। वहीं, कोरोना महामारी से पहले 14़4 करोड़ यात्रियों ने घरेलू विमानों का इस्तेमाल किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे 5़6 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ रहा है जबकि नागरिक उड्डयन 10़3 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ रहा है।
एसोचौम के महासचिव दीपक सूद ने अपना स्वागत भाषण देते हुए कहा यह मंच विमानन क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र राष्ट्र के रूप में भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह क्षेत्र कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित है और वर्तमान में काफी मुश्किलों से गुजर रही है, लेकिन विमानन क्षेत्र ने विकास पथ को पुन: प्राप्त कर लिया है।