माताओं, बहनों के आशीर्वाद से मिलती है सकारात्मक प्रेरणा : मुख्यमंत्री धामी
-प्रदेश के विकास के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी
-खटीमा में आयोजित रक्षाबंधन मिलन समारोह में महिलाओं ने मुख्यमंत्री को राखी बांधी
-रक्षाबंधन के दिन बहनें कर सकेंगी उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा
उधमसिंह नगर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में आयोजित रक्षाबंधन मिलन समारोह में प्रतिभाग किया। बड़ी संख्या में क्षेत्र की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को राखी बांधी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि माताओं, बहनों के आशीर्वाद से राज्य सरकार जनहित के कार्यों को आगे बढ़ा रही है। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास सरकार का मूलमंत्र है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को रक्षाबंधन की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि माताओं और बहनों का जो आशीष और स्नेह मिल रहा है, उससे प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए एक सकारात्मक ऊर्जा मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन के दिन माताओं-बहनों के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में यात्रा पूर्ण रूप से नि:शुल्क रहेगी। इस रक्षाबन्धन पर्व पर आशा व आगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 1-1 हजार रूपये की धनराशि उपहार के रूप में दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मातृशक्ति के जीवन में सुधार लाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं। इनमें उज्ज्वला, स्वच्छ भारत मिशन, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, सुकन्या समृद्धि योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना, आदि मुख्य हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाव में भगवान होते हैं। हमारी सरकार का भाव जनसेवा है। समाज की आखिरी पंक्ति में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाना प्रमुख ध्येय है। उन्होने कहा कि कोविड काल में ऑनलाईन पढ़ाई के महत्व के देखते हुए कक्षा 10-12 के छात्र-छात्राओं को सरकार द्वारा मोबाईल टेब दिया जायेगा जिनसे उनकी शिक्षा में और सुधार होगा। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में 24 हजार रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है एवं सरकारी नौकरी के क्षेत्र में ही नही बल्कि बढ़े स्तर पर सरकार विभिन्न क्षेत्रों में लाखों लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का भी प्रयास कर रही है, सरकार की मंशा है कि प्रदेश के युवा एवं महिलाऐं रोजगार मांगने वाले नही बल्कि रोजगार देने वाले बने। सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि बैंको से मिलने वाला ऋण कि प्रक्रिया को सरल करते हुए शिविरों के माध्यम से जरूरतमन्दों को शिविर में ही ऋण स्वीकृत किया जाना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आजिविका मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को बड़े पैमाने पर बाजार में स्थान दिलाने हेतु सरकार लगातार प्रयास कर रही है, ताकि माताएं-बहने आत्मनिर्भर बन सके। उन्होने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से हुए नुकसान से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उबारने हेतु लगभग 119 करोड़ रूपए का सहायता पैकेज दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि कोविड काल में प्रतियोगी परीक्षाएं न होने के कारण सरकार ने युवाओं को सरकारी नौकरी की भर्ती में आयुसीमा में एक साल की छूट दी है। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एम0बी0बी0एस0 इन्टर्न के स्टाईपेंड को 7500/-प्रतिमाह से बढ़ाकर रूपये 17,000/-किया गया है। संघ लोक सेवा आयोग, एन.डी.ए , सी.डी.एस एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि तहसील दिवस/बहुउद्देशीय शिविर के माध्यम से आमजन मानस की समस्याओं का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। समस्याएं ब्लॉक स्तर, तहसील स्तर या जनपद स्तर की हो उनका उसी स्तर पर निस्तारण करना सुनिश्चित करें। सरकार की जीरो पेंडेन्शी पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले चार माह में उत्तराखण्ड में शतप्रतिशत वैक्सीन लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। बागेश्वर जनपद में शतप्रतिशत वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है।
इस अवसर पर विधायक डा0 प्रेम सिंह राणा, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, उपाध्यक्ष किसान आयोग राजपाल सिंह, आईजी अजय रौतेला, जिलाधिकारी रंजना राजगुरू, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगई, सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र की महिलाएं उपस्थित थीं।