कोटद्वार-पौड़ी

नासूर बन रहा गोखले मार्ग का अतिक्रमण, शहरवासी हो रहे परेशान 

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पुलिस व निगम के लाख प्रयासों के बाद भी नहीं सुधर रही शहर की व्यवस्था

जगह-जगह खड़ी रेहड़ी-ठेलियों के कारण आमजन का पैदल चलना भी हुआ मुश्किल

जयन्त प्रतिनिधि।

कोटद्वार: शहर के गोखले मार्ग में पसरा अतिक्रमण नासूर बनता जा रहा है। जगह-जगह खड़ी रेहड़ी-ठेलियों के कारण आमजन का सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। हालत यह है कि अतिक्रमण के कारण राहगिरों को हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। स्थिति की जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार सिस्टम चुप्पी साधे हुए है। जबकि, पूर्व में क्षेत्रवासी कई बार गोखले मार्ग सहित अन्य मुख्य मार्गों को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग उठा चुके हैं। निगम व प्रशासन की लापरवाही से आमजन में रोष बना हुआ है।

शहर में लगने वाली रेहड़ी-ठेलियों के लिए नजीबाबाद रोड स्थित गाड़ीपड़ाव में व्यवस्था बनाई गई है। लेकिन, अधिकांश रेहड़ी-ठेली वालों ने गाड़ीपड़ाव को छोड़ सड़कों पर अतिक्रमण करना शुरू दिया है। सबसे बुरी स्थिति शहर के गोखले मार्ग की बनी हुई है। प्रशासन की ओर से इस मार्ग पर फल सब्जी मार्केट को खाली कराने के कई बार प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। गत पांच जनवरी को स्वयं अपर पुलिस अधीक्षक मनीषा जोशी ने कमान संभाली और मुनादी कर फल-सब्जी व्यापारियों को गोखले मार्ग से खदेड़ दिया था।  कुछ दिन व्यवस्थाएं ठीक रहने के बाद एक बार फिर व्यवस्था बेपटरी हो गई है।  जगह-जगह खड़ी रेहड़ी ठेली के कारण मार्ग पूरी तरह संकरा हो चुका है। आमजन को पैदल चलने तक का रास्ता भी नहीं मिल पा रहा है। क्षेत्रवासी  सुबोध सिंह, राजन कुमार ने बताया कि वह कई बार समस्या से उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवा चुके हैं, लेकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। नगर निगम की ओर से कभी-कभी अतिक्रमण हटाने के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है।

आवारा गोवंश का भी आतंक 

गोखले मार्ग पर रेहड़ी-ठेलियों के साथ ही आवारा गोवंश का भी आतंक बना रहता है। बीच सड़क पर लेटे गोवंश के कारण मार्ग पर घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है। पूर्व में यह गोवंश राहचलते कई लोगों को भी घायल भी कर चुके हैं। मार्ग पर सबसे बुरी स्थिति शाम के समय बनी रहती है। बावजूद इसके नगर निगम व स्थानीय प्रशासन सुध लेने को तैयार नहीं है।

खानापूर्ति रहता है अभियान 

शहर में अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम के अभियान केवल खानापूर्ति ही बना रहता है। सुबह अतिक्रमण हटने के बाद शाम के समय दोबारा सड़कों पर अतिक्रमण फैल जाता है। ऐसे में सबसे अधिक प्रभाव यातायात व्यवस्था पर पड़ रही है। लोगों को सड़क किनारे वाहन खड़ा करने का मार्ग नहीं मिल पाता। पैदल चलने वालों को भी बीच सड़क से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में पूर्व में कई बार सड़क दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं।

 

 

शहर में पसरे अतिक्रमण के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। जल्द ही टीम गठित कर अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।

केएस नेगी, नगर आयुक्त कोटद्वार।

 

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