लाल निशान लगाकर भूला सरकारी सिस्टम, चिढ़ा रहा शहर का अतिक्रमण
डेढ़ माह पूर्व शहर में अतिक्रमण पर लगाए गए थे लाल निशान
बढ़ रही समस्या के कारण आमजन का पैदल चलना भी हुआ मुश्किल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : शहर के अतिक्रमण पर लाल निशान लगाने के बाद सरकारी सिस्टम गहरी नींद में सो गया। हालत यह है कि अब अतिक्रमण पर लगा लाल निशान आमजन को चिढ़ा रहा है। लगातार बढ़ रही समस्या के कारण आमजन का सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है। जबकि, पूर्व में नगर निगम व प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों को स्वयं ही अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी।
जुलाई माह में उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग सहित अन्य सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए थे। न्यायालय के आदेश के बाद अगस्त माह में नगर निगम, प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर शहर में तीस से अधिक अतिक्रमण चिह्रित किए थे। इसके लिए बाकायदा झंडाचौक से कोतवाली के मध्य निगम की नजूल भूमि पर बने बरामदों को खाली करवाया गया था। एक दिन अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद सरकारी सिस्टम ने अन्य अतिक्रमणकारियों को एक सप्ताह के भीतर स्वयं ही अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। लेकिन, अधिकांश अतिक्रमणकारियों ने सरकारी सिस्टम की चेतावनी के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया। नतीजा डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी सरकारी सिस्टम इस अतिक्रमण को लेकर लापरवाह बना हुआ है। यही नहीं, अतिक्रमण से संकरे हो चुके गोखले मार्ग के अतिक्रमण पर लगे लाल निशान लोगों को मुंह चिढ़ा रहे हैं।
केवल खानापूर्ति साबित हो रहा अभियान
नगर निगम की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान केवल खानापूर्ति ही साबित हो रहा है। हालत यह है कि नगर निगम व प्रशासन की ओर से अतिक्रमण के खिलाफ की गई खानापूर्ति के बाद शहर में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि नगर निगम व प्रशासन केवल कुछ व्यापारियों को परेशान करने के लिए ही अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाता है। जबकि, कई भवनों पर पिछले कई वर्षों से लाल निशान लगे हुए हैं।