उत्तराखंड

देश के प्रथम गांव माणा के लिए मास्टर प्लान बनाने की कवायद शुरू

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चमोली। बाइब्रेंट विलेज माणा को मास्टर प्लान के तहत पाइलेट प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए देश के प्रथम गांव माणा का मास्टर प्लान बनाने की कवायत भी शुरू हो गई है। इसके तर्ज पर ही जनपद के अन्य बाइब्रेंट विलेजों को भी विकसित किया जाएगा। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बुधवार को जीएमवीएन बदरीनाथ में आईएनआई के डिजाइन कंसल्टेंट सहित जनपद के सभी रेखीय विभागों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देशित किया कि माणा गांव में विद्युत, पेयजल लाईन, रास्ते, सडक, शिक्षा, स्वास्थ्य, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सीवरेज सिस्टम, दूरसंचार एवं अपने विभाग से संबधित अन्य मौजूदा परिसंपत्तियों का पूरा सर्वेक्षण करें और शहरी विकास विभाग के मानकों की तर्ज पर आगामी 25 वर्षो की जरूरतों को मध्येनजर रखते हुए इसका पूरा डेटा शीघ्र उपलब्ध करें। ताकि माणा गांव में मास्टर प्लान के तहत काम शुरू किया जा सके। उन्होंने विद्युत विभाग को पावर स्टेशन, सब स्टेशन, अंडर लाईन केबल विछाने, जल संस्थान को पेयजल की आपूर्ति, सीवरेज सिस्टम, सिचाई विभाग को सरस्वती व अलकनंदा का जल स्तर, एवलांच की स्थिति का विस्तृत सर्वेक्षण करने को कहा। साथ दूरसंचार संस्थान बीएसएनएल, जिओ व एयरटेल को नेटवर्क की मौजूदा क्षमता एवं भविष्य की जरूरत के हिसाब से संचार सुविधा को सुदृढ़ करने के निर्देश। बैठक के बाद जिलाधिकारी ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के अन्तर्गत संचालित रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, सिविक एमीनिटी सेंटर, शेष नेत्र झील, मंदिर सौन्दर्यीकरण आदि कार्यो का स्थलीय निरीक्षण भी किया। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कार्यो को प्राथमिकता पर रखते हुए मास्टर प्लान के तहत संचालित सभी निर्माण कार्यो को गुणवत्ता के साथ तेजी से पूरा किया जाए।
बद्रीनाथ धाम में बीआरओ बाईपास, लूप रोड़, सिविक एमीनिटी सेंटर, लेक सौन्दर्यीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। वही रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, अराइवल प्लाजा, अस्पताल विस्तारीकरण तथा मंदिर सौन्दर्यीकरण के कार्य तेजी से किए रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत धाम में तीन चरणों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। पहले चरण के कार्य लगभग पूरे किए जा रहे है। जबकि दूसरे चरण में बदरीनाथ मुख्य मंदिर व उसके आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण शुरू हो गया है। अंतिम चरण में मंदिर से शेष नेत्र झील को जोड़ने वाले आस्था पथ का निर्माण किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी डा़अभिषेक त्रिपाठी, यात्रा मजिस्ट्रेट वरूणा अग्रवाल, लोनिवि के अधीक्षण अभियंता राजेश शर्मा, एसडीएम कुमकुम जोशी, पीआईयू के अधिशासी अभियंता विपुल सैनी, गावर कन्स्ट्रक्शन लि़क के प्रोजेक्ट डारेक्टर पीएल सोनू, तहसीलदार रवि शाह, ईओ सुनील पुरोहित सहित निर्माणदायी एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी मौजूद थे।

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