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खुदरा महंगाई दर बढ़ा रही केंद्रीय कर्मियों की धड़कनें, सरकार की मंशा पर आखिर संशय क्यों?

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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों को पहली जुलाई से 4 फीसदी महंगाई भत्ता/महंगाई राहत मिलने पर संशय क्यों किया जा रहा है। कर्मियों के बीच दो तरह की चर्चा है। एक तो यह कि इस बार कर्मियों को तीन फीसदी डीए मिलेगा और दूसरी, डीए की दरों में चार फीसदी की बढ़ोतरी होगी। कोरोनाकाल के बाद से लेकर अभी तक डीए की दरों में चार फीसदी की बढ़ोतरी होती रही है। कर्मचारी संगठनों के नेताओं का मानना है कि खुदरा महंगाई कम होने की बात कह कर सरकार, कर्मियों के डीए पर कैंची चला सकती है। हालांकि यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि ये डीए तो पहली जुलाई से मिलना है। यानी जुलाई से पहले का महंगाई ग्राफ इसके कम होने या बढ़ोतरी पर असर डालता है।
सितंबर माह के दौरान खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है। यह दर अगस्त महीने के दौरान रही 6.83 प्रतिशत से घटकर 5.02 प्रतिशत हो गई है। सितंबर में खाद्य मुद्रास्फीति 6.56 प्रतिशत रही है, जो अगस्त में 9.94 प्रतिशत थी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सितंबर महीने की खुदरा महंगाई दर को देखें तो वह क्रमश: 5.33 प्रतिशत और 4.65 प्रतिशत रही है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सितंबर से मुद्रास्फीति में कमी आने की उम्मीद जताई थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति, सितंबर तिमाही के 6.6 प्रतिशत से घटकर दिसंबर तिमाही में 5.5 प्रतिशत पर आ सकती है। मार्च 2024 की तिमाही में इसके घटकर 5.1 पर आने की उम्मीद है। वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर 5.2-4.0 के बीच रह सकती है। इन सबके चलते सरकारी कर्मियों को यह अंदेशा है कि उनके डीए की दरों में कटौती हो सकती है। संभव है कि अगले सप्ताह नवरात्र के दौरान सरकार, डीए बढ़ोतरी की घोषणा करेगी। पिछले साल केंद्रीय कैबिनेट ने दीवाली से पहले 28 सितंबर को डीए की दरों में चार फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। गत वर्ष 24 अक्तूबर को दीवाली थी, इसलिए सरकार ने सितंबर के आखिरी सप्ताह में डीए/डीआर की घोषणा थी। इस बार दीवाली 12 नवंबर की है।
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी.श्रीकुमार के मुताबिक, इस बार कर्मियों का डीए 42 से बढ़कर 46 प्रतिशत हो जाएगा। केंद्र सरकार, डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। जनवरी 2023 से उक्त भत्ते में चार फीसदी की वृद्धि हुई थी। मौजूदा समय में महंगाई भत्ता, 42 प्रतिशत की दर से मिल रहा है। अब जुलाई 2023 से बढ़ने वाले भत्ते में चार प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2023 (अनंतिम) में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर महंगाई के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की दर 7.44 प्रतिशत रही है। जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीपीआई दर 4.87 प्रतिशत थी। जुलाई 2022 में यही संयुक्त दर 6.71 प्रतिशत थी। जुलाई 2023 (अनंतिम) में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) की संयुक्त दर 11.51 थी, जबकि जून 2023 (अंतिम) में संयुक्त सीएफपीआई दर 4.55 प्रतिशत थी। जुलाई 2022 में संयुक्त सीएफपीआई दर 6.69 प्रतिशत थी। अप्रैल 2023 (अंतिम) के तहत सीपीआई (सामान्य) में ग्रामीण क्षेत्रों का आंकड़ा 178.8 प्रतिशत, शहरी क्षेत्र का 177.4 और संयुक्त 178.1 प्रतिशत रहा है। अगर इसकी तुलना मई 2023 (अस्थायी) के ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो वह आंकड़ा 179.7 और शहरी क्षेत्र में 178.1 प्रतिशत रहा है। संयुक्त तौर पर यह संख्या 179.0 रही है। सीएफपीआई के तहत, अप्रैल 2023 में ग्रामीण क्षेत्रों का आंकड़ा 173.7 प्रतिशत, शहरी क्षेत्र का 180.0 और संयुक्त 175.9 प्रतिशत रहा है। मई 2023 (अस्थायी) के आंकड़ें बताते हैं, ग्रामीण क्षेत्र में सीएफपीआई 174.9 रहा है। शहरी क्षेत्र में 181.1 प्रतिशत और संयुक्त तौर पर यह संख्या 177.1 रही है।

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