उत्तराखंड

हाईकोर्ट ने पंत दंपति की गिरफ्तारी पर आठ अक्टूबर तक लगाई रोक, जांच में सहयोग के निर्देश

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने महाकुंभ हरिद्वार के दौरान कोरोना टेस्टिंग के फर्जीवाड़े में आरोपित मैक्स करपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरत पंत व मल्लिका पंत की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तारी पर आठ अक्टूबर तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने साथ ही दोनों से जांच में सहयोग करने व सीजेएम हरिद्वार के समक्ष अंतरिम जमानत हेतु प्रार्थना पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया कि दोनों याचिकाकर्ताओं के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है। जांच में इनके खिलाफ तथ्य पाए जाने पर आईपीसी की धारा 467 बढ़ाई गई है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में मल्लिका पंत व शरद पंत की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा था कि वह मैक्स कर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर है। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निगरानी में किया गया था। अधिकारियों की मौजूद्गी में परीक्षण स्टालों में जो कुछ भी किया था, उसे अपनी मंजूरी दे दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से करीब एक लाख कोविड टेस्ट कर निगेटिव रिपोर्ट जारी की गई। एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की गयी थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैबो द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया गया है, जबकि उनके द्वारा रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन व सैम्पल नही दिया गया। आईसीएमआर में भी शिकायत हुई थी।

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