उत्तराखंड

हम जहां खड़े होंगे वहीं लाइन शुरू होगी़.

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देहरादून। पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने अपने गम और गुस्से का भी पूरा इजहार किया। उन्होंने कहा कि विस चुनाव में हार के बाद मैंने स्वयं इस्तीफा देने की बात कह दी थी, लेकिन मुझे रोक दिया गया। फिर इस्तीफा ले लिया गया। मीडिया में प्रचारित हुआ कि इस्तीफा लिया गया।
इसका मुझे मलाल है। मुझे उम्मीद थी कि मुझे पूरा कार्यकाल मिलेगा। प्रभारी से सीधा नाराजगी जताते हुए गोदियाल ने कहा कि आपने भी मेरी तपस्या को हाईकमान तक सही रूप में नहीं पहुंचाया। अब ऐसा कमांडर बनाइये जो पूरे पांच साल काम करे। मुझ पर आरोप लगा कि मैं एक ही पक्ष का हूं,लेकिन ऐसा नहीं था। कई बार एकजुटता के लिए खामोश रहना पड़ता है, पर चुप रहने को कमजोरी मान लिया जाता है। सोशल मीडिया पर जिस प्रकार के कमेंट आते हैं, यदि मैं भी करने लगू तो प्रदेश में राजनीतिक महामारी आ जाएगी। गोदियाल ने कहा कि अब कहा जा रहा है कि नया नेतृत्व तैयार किया जा रहा है।(
तो क्या हम लोग कंडम हो गए हैं? हम जहां खड़े होंगे वहीं से लाइन शुरू होगी। मेरे दिल में अब भी बहुत आग है। इस आग का इस्तेमाल कांग्रेस की मजबूती के लिए करूंगा। पूरे कार्यक्रम के दौरान गोदियाल के भाषण के दौरान ही कार्यकर्ताओं में जोश नजर आया।
प्रभारी का रावत पर तंज, कहा-गढ़वाल उपेक्षित न रहेगा
प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने गोदियाल और रावत की बातों का जवाब दिया। कहा कि एक वक्त प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी गढ़वाल से थे। तब भी आप हमारे शीर्ष नेता थे। तब ऐसी बात नहीं आई। बरहाल, इस संतुलन को ठीक किया जाएगा। गढ़वाल के नेताओं को उनकी उपयोगिता के अनुसार संगठन में महत्वपूर्ण पद दिए जाएंगे। प्रभारी ने सोशल मीडिया पर गुटबाजी पर गहरी चिंता जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष को ठोस कदम उठाने की सलाह भी दी।
केवल 8 विधायक ही आए समारोह
समारोह में केवल यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, अनुपमा रावत, आदेश चौहान, सुमित ह्दयेश, मनोज तिवारी, रवि बहादुर, वीरेंद्र जाति ही शामिल हुए। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट, हरीश धामी समेत बाकी 11 विधायक नहीं आए। सूत्रों के अनुसा राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट, विक्रम सिंह नेगी दून में ही थे। जबकि हरीश धामी पहले ही पिथौरागढ़ लौट गए। हालांकि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि चकराता क्षेत्र में सड़क हादसे की वजह से प्रीतम सिंह को वहां जाना पड़ा है। इसी प्रकार हरिद्वार में दो समुदाय के बीच हुए विवाद के कारण विधायक नहीं आ पाए। इसे नाराजगी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
मंच पर भीड़ न थमी तो भिड़ गए सारस्वत
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के कार्यभार ग्रहण समारोह में अव्यवस्थाओं की वजह से बार बार रंग में भंग होता रहा। माहरा, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से मिलने और गुलदस्ते देने के लिए मंच पर उमड़ती भीड़ के कारण कई बार कार्यक्रम बाधित हुआ।
एक बार नौबत यह आ गई कि मंच संचालन कर रहे पूर्व महामंत्री-संगठन विजय सारस्वत माइक छोड़कर भीड़ से भिड़ गए। माहरा ने बामुश्किल सारस्वत को संभाला। मंच पर लगी भीड़ को रोकने की कोशिश कर रहे सेवादल कार्यकर्ताओं के साथ महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला की भी नोंकझोक हुई। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर को भी नाराज होकर मंच से नीचे उतरना पड़ा।

 

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