जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदार की धमक थमने का नाम नहीं ले रही। द्वारीखाल ब्लॉक के अंतर्गत उतिंडा गांव में गुलदार ने एक गाय और एक बछिया को घायल कर दिया। जिससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। उतिंडा में दिन में ग्रामीणों को दो गुलदार नजर आए हैं। ऐसे में ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। सबसे अधिक खतरा बच्चों व बुजुर्गों को बना हुआ है।
21 सितंबर की सुबह सात वर्षीय कार्तिक पर गुलदार के हमले की घटना के बाद दहशत बनी हुई है। एक दिन पूर्व दोपहर में गुलदार ने पास के गांव उतिंडा के राजस्व ग्राम भेंडाखाल में एक गाय और एक बछिया को घायल कर दिया है। उतिंडा की ग्राम प्रधान सीमा देवी ने बताया कि गांव में दिन दहाडे़ दो गुलदार नजर आए हैं। गुलदार शोर मचाने पर भी नहीं डर रहे हैं। यहां पेड़ पर चढ़ने गुलदारों को देखकर लोगों में दहशत बनी रही। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम गांव में पहुंची। टीम क्षेत्र में गश्त कर रही है। उधर, शैल शिल्पी विकास संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को गांव पहुंचकर प्रभावित परिवार से मुलाकात की और उन्हें 17100/- की आर्थिक मदद प्रदान की। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास आर्य ने बताया कि कार्तिक के पिता मोहन सिंह और ताऊ कुलदीप सिंह गरीब परिवार के हैं और दूसरे की जमीन पर रह रहे हैं। उनका घर भी काफी खस्ताहाल है। उन्होंने शासन-प्रशासन और वन विभाग से प्रभावित परिवार को अविलंब मुआवजा देने की मांग की है। अन्य संगठनों के लोगों ने भी गांव में पीड़ित परिवार से मुलाकात की। ग्राम पंचायत ठांगर की प्रधान सोनम देवी और समाज सेवी जितेंद्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र में गुलदार की धमक बनी हुई है। दहशत के कारण महिलाएं भी खेत और जंगल में चारापत्ती तक लेने नहीं जा पा रही हैं। ग्रामीण दिन ढलते ही घरों में कैद हो जा रहे हैं। गांव में चारों ओर लैंटाना और गाजर घास की झाड़ियां होने के कारण गुलदार के हमले का खतरा बना हुआ है।