स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए चार वैक्सीन को मंजूरी, ज्यादातर लोगों को लगाया गया टीका
नई दिल्ली,एजेंसी। सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए चार वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है। अभी 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों का टीकाकरण हो रहा है। सरकार ने यह भी कहा है कि लक्षित लाभार्थियों में से ज्यादातर को टीका लगा दिया गया है, इसलिए टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा को एक लिखित जवाब में बताया कि बच्चों के लिए जिन चार वैक्सीन को मंजूरी दी गई है, उनमें जायडस कैडिला की जायकोव-डी (12 वर्ष और उससे ऊपर), भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (दो से 18 वर्ष आयुवर्ग के लिए), बायोलाजिकल ई की कोर्बेवैक्स (पांच से 18 वर्ष आयुवर्ग के लिए) और सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया की कोवोवैक्स (12-18 वर्ष आयुवर्ग के लिए) शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान के दायरे को बढ़ाते हुए 16 मार्च को उसमें 12-14 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को भी शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटागी) की सिफारिश पर टीकाकरण के कार्यक्रम को तैयार किया जाता है।
अस्पतालों में जमा कोरोना वैक्सीन के एक्सपायर होने से संबंधित एक सवाल के लिखित जवाब में भारती पवार ने राज्यसभा को बताया कि सरकार वैक्सीन के भंडार और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में उनकी खपत पर नजर रख रही है, ताकि उनका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल और कम बर्बादी हो।
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उन्होंने कहा कि राज्यों को उनकी मांग के आधार पर वैक्सीन की सप्लाई की जाती है। राज्यों को लाभार्थियों को पहली, दूसरी और सतर्कता डोज लगाने के लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है।
एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में भारती पवार ने बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत 16 मार्च तक कोरोना के 8़7 लाख मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराकर मुफ्त इलाज किया गया है। साथ ही कोरोना संबंधी 50़6 लाख जांच भी इस योजना के तहत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि योजना के तहत सामान्य और विशेष कोविड पैकेज के तहत कोरोना संक्रमितों का इलाज कराया गया है।