उत्तराखंड

जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्ष ही रहेंगे प्रशासक

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हरिद्वार। उत्तराखंड में हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष जिला पंचायतों में अगले छह माह तक निवर्तमान अध्यक्ष ही प्रशासक के रूप में कार्य करते रहेंगे। जिला पंचायतों का कार्यकाल एक दिसंबर (आज) समाप्त हो रहा है। उत्तराखंड में प्रशासकों के रूप में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को बैठाने का यह निर्णय पहली बार लिया गया है। इस संबंध में सचिव पंचायती राज चंद्रेश कुमार की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। इससे पूर्व प्रदेश में हरिद्वार जिले को छोड़कर 12 जिलों में ग्राम पंचायतों का 27 नवंबर और क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होने के बाद यहां प्रशासक बैठा दिए गए थे। ग्राम पंचायतों में प्रशासक के रूप में सहायक विकास अधिकारी (एडीओ) और क्षेत्र पंचायतों में उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) को प्रशासक के तौर पर कार्यभार सौंपा गया है। ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति के बाद जिला पंचायतों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। शनिवार को शासन की ओर से जारी आदेश के बाद स्थिति साफ हो गई। आदेशानुसार, एक दिसंबर 24 के बाद निवर्तमान अध्यक्षों का प्रशासकों के रूप में कार्यकाल ग्रहण करने के छह की अवधि या नई जिला पंचायतों के गठन होने तक या अग्रिम आदेशों तक जो भी पहले हो, कार्य करते रहेंगे। प्रशासक की नियुक्ति के लिए जिलाधिकारी को अधिकृत किया गया है।
विशेष परिस्थिति में ही शासन की अनुमति पर ले पाएंगे बड़े फैसले
सचिव पंचायती राज चंद्रेश कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार, प्रशासक के रूप में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे, केवल सामान्य रूटीन के कार्य ही करेंगें। विशेष परिस्थिति में यदि को बड़ा नीतिगत फैसला लेना होगा तो इसके लिए प्रकरण संबंधित जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखंड शासन को भेजा जाएगा। जिस पर अंतिम निर्णय शासन की ओर से ही लिया जाएगा।

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