अबकी बार,आलू बदलेगा सरकार! मंत्री दिनेश प्रताप बोले- सपा सरकार में सड़कों पर सड़ा था आलू: अखिलेश

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लखनऊ , एजेंसी। आलू उत्पादक किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम दिलाने और बिचौलियों की भूमिका पर अंकुश लगाने की तमाम कोशिशें राज्य सरकार के स्तर से एक साथ शुरू की गई है। कीमतों की गिरावट कोे थामने के लिए सरकार किसानों से दस लाख टन आलू की खरीद करेगी।
बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि भाजपा सरकार में उप्र के आलू उत्पादक किसानों की समस्याएं पहली यह कि आलू की लागत का लगातार बढ़ते जाना और कम दाम मिलने से लागत निकालना भी मुश्किल। अखिलेश ने आगे लिखा कि अबकी बार, आलू बदलेगा सरकार!
इसपर मंत्री दिनेश प्रताप ने आलू के संदर्भ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव व महासचिव शिवपाल यादव के तंज पर भी पलटवार किया। आरोप लगाया कि उनकी सरकार में सड़कों पर आलू सड़ा था, जिसके कारण सरकार तक गिर गई। शिवपाल यादव के ट्वीट को राजनीतिक छटपटाहट का नतीजा बताया। कहा, वे सबकुछ जानते हुए भी वह आरोप लगा रहे हैं।
फिलहाल, प्रदेश के साथ जिलों में 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सोमवार से यह खरीद शुरू की जाएगी। इसके अलावा शीतगृह में आलू के भंडारण की व्यवस्था और विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी आलू का निर्यात किया जाएगा। रविवार को उद्यान, षि विपणन एवं निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में आलू किसानों के हित में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
मंत्री दिनेश प्रताप ने कहा कि बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत किसानों से 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से आलू की खरीद को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। स्पष्ट किया कि यह कीमत इसलिए तय की गई है कि आलू की दर गिरने न पाए। कहा, प्रथम चरण में मैनपुरी, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, कौशांबी, उन्नाव व बरेली में हाफेड के माध्यम से आलू की खरीद शुरू की गई है।
जल्द ही अन्य जिलों में इसका विस्तार किया जाएगा। तीन-चार दिनों में दुबई, कतर व मलेशिया भी आलू निर्यात किया जाएगा। वहीं, आपरेशन ग्रीन योजना के तहत 17 जिलों प्रयागराज, बाराबंकी, जौनपुर, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, मथुरा, कन्नौज, अलीगढ़, मैनपुरी, आगरा, हाथरस, कानपुर नगर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, इटावा व संभल में किसानों सहित अन्य को 50 प्रतिशत अनुदान के संदर्भ में निर्देश जारी किए गए हैं।
मंत्री दिनेश प्रताप ने कहा कि प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज में आलू के भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है। आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि प्रदेश में स्थित शीतगृह की भंडारण क्षमता 162़62 लाख टन है। जिसके सापेक्ष अब तक 88़14 टन आलू का ही भंडारण अब तक हुआ है।
स्पष्ट है कि 45 प्रतिशत से अधिक क्षमता अभी भी शेष है। उन्होंने कहा कि शीतगृह संचालकों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए हर जगह सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। यह भी स्पष्ट किया कि किसी जिले के शीतगृह में जगह न होने पर करीब के जिले में आलू ले जाने के लिए राज्य सरकार किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किराए का भी भुगतान करेगी।

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