उत्तराखंड

दुष्कर्म करने के प्रयास के दोषी को कारावास एवं अर्थदंड से किया दण्डित

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

अल्मोड़ा।दुष्कर्म करने के प्रयास एवं छेड़ाखानी करने के एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह ने अभियुक्त जगदीश उर्फ पप्पू को कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसार दिनांक 01-09-2022 को पीड़िता से शाम सवा सात बजे अपने पीएचसी सैन्टर से स्टेशनरी शाॅप से सामान खरीदकर घर को जा रही थी तो अभियुक्त द्वारा कार रोककर पीड़िता से छेड़खानी की गई एवं दुष्कर्म का प्रयास किया गया इस दौरान पीड़िता का फ़ोन भी मौके पर गिर गया। पीड़िता जैसे तैसे अभियुक्त के चंगुल से छूटकर घर को भागी जहाँ उसने सारी बात अपनी माँ को बताई और माँ ने पुजारी को बताई। जिसके बाद जब पुजारी घटनास्थल पर पहुंचे तो पीड़िता का मोबाइल फोन झाड़ियों में पड़ा हुआ मिला। पुजारी ने घटना की रिपोर्ट पटवारी को दी। उक्त रिपोर्ट पर पटवारी मौके पर पहुंचे और उनके द्वारा पीड़िता को पीएचसी सेंटर इलाज को भेजा और अभियुक्त आल्टो कार के ड्राइवर को पीएचसी सैन्टर में लाए जहाॅं पर पीड़िता ने उसकी शिनाख्त की। पीड़िता द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध पटवारी क्षेत्र मल्ली रियूनी तहसील रानीखेत जिला अल्मोड़ा में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी। रिपोर्ट के आधार पर पटवारी मल्ली रियूनी तहसील रानीखेत में अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया तथा पटवारी द्वारा पीड़िता के बयानों के आधार पर उपरोक्त धाराओं के अन्तर्गत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। विवेचना अधिकारी द्वारा विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इस मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश, अल्मोड़ा के न्यायालय में चला। इस मामले में अभियोजन की ओर से नौ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित किया गया तथा अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा द्वारा मामले में सबल पैरवी की गई। तथा दस्तावेजी साक्ष्य भी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। अपर सत्र न्यायाधीश अल्मोड़ा द्वारा पत्रावली पर मौजूद मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्यों का परिशीलन कर अभियुक्त जगदीश उर्फ पप्पू पुत्र ख्याली राम निवासी मल्ली रियूनी तहसील रानीखेत जिला अल्मोड़ा को धारा-376ए सपठित धारा 511 ताहि में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 50 हजार रूपये का अर्थदण्ड, धारा 354 ताहि में 2 वर्ष का कठोर कारावास व 20 हजार रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा 323 भादंसं के तहत 1 वर्ष का साधारण कारावास व एक हजार रूपये का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!