परिवार के एक कॉल पर मिलते थे हजारों करोड़ के लोन’, फोन बैंकिंग घोटाले पर ढट मोदी ने पिछली सरकार पर साधा निशाना
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को सातवें रोजगार मेले में वर्चुअल माध्यम से 70146 नवनियुक्त सरकारी कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरण का शुभारंभ किया। युवा कर्मियों को राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार का अहसास कराते हुए अपनी सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था, रोजगार, स्वरोजगार और गरीब कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का विस्तार से उल्लेख किया।
इस दौरान पीएम मोदी विपक्ष पर निशाना साधना नहीं भूले। कहा कि फोन बैंकिंग घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था। फोन बैंकिंग को कुछ यूं परिभाषित किया कि नौ वर्ष पहले एक खास परिवार के करीबी कुछ ताकतवर नेता बैंकों को फोन कर अपने चहेतों को हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिलाते थे, जो कि चुकाया नहीं जाता था।
देशभर में 44 स्थानों पर आयोजित पीएम रोजगार मेले को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने नवनियुक्त कर्मियों से कहा कि आज का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1947 में 22 जुलाई को ही तिरंगे को संविधान सभा द्वारा वर्तमान स्वरूप में स्वीकार किया गया था। सरकारी सेवा में रहते हुए आपको हमेशा तिरंगे की आन-बान-शान बढ़ाने के लिए काम करना है।
अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए पीएम बोले कि भारत की अर्थव्यवस्था नौ वर्ष में दसवें स्थान से पांचवें पर पहुंच गई है। कहा कि आज के इस कार्यक्रम में बैंकिंग सेक्टर के काफी लोगों को नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं। अर्थव्यवस्था के विस्तार में हमारे बैंकिंग सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका होती है। आज भारत उन देशों में से एक है, जहां का बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत माना जाता है। इसके साथ ही मोदी ने बिना किसी दल का नाम लिए पिछली यूपीए सरकार को निशाने पर ले लिया।
पीएम मोदी ने आगे कहा,”नौ वर्ष पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। जब सत्ता का स्वार्थ राष्ट्रहित पर हावी होता है, तब कैसी बर्बादी होती है, कैसा विनाश होता है, देश में कई उदाहरण है। हमारे बैंकिंग सेक्टर ने तो पिछली सरकार के दौरान इस बर्बादी को देखा है, झेला है, अनुभव किया है। आजकल तो डिजिटल युग है, आप मोबाइल फोन से बैकिंग सेवाएं लेते है, फोन बैंकिंग करते हैं, लेकिन आज से नौ वर्ष पहले जो सरकार थी, उस समय ये फोन बैंकिंग की कल्पना ही अलग थी, रिवाज ही अलग था, तरीके अलग थे, इरादे अलग थे।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा,”उस जमाने में उस सरकार में ये फोन बैंकिंग मेरे, आपके जैसे सामान्य नागरिकों के लिए नहीं था। उस समय एक खास परिवार के करीबी कुछ ताकतवर नेता बैंकों को फोन करके अपने चहेतों को हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिलवाया करते थे। ये लोन कभी चुकाया नहीं जाता था और कागजी कार्यवाही होती थी। एक लोन को चुकाने के लिए फिर बैंक से फोन करके दूसरा लोन, दूसरा लोन चुकाने के लिए फिर तीसरा लोन दिलवाना। इस घोटाले की वजह से देश की बैंकिंग व्यवस्था की कमर टूट गई थी।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने इस स्थिति से बैंकिंग सेक्टर और देश को मुसीबतों से निकालने के लिए एक के बाद एक कदम उठाकर काम शुरू किया। गलत काम करने वालों पर शिकंजा कसा, बैंकों को लूटने वालों की संपत्ति जब्त कर ली। आज परिणाम आपके सामने है। जिन सरकारी बैंकों की चर्चा हजारों करोड़ के नुकसान के लिए होती थी,आज उन बैंकों की चर्चा रिकार्ड प्राफिट के लिए हो रही है।
10 लाख सरकारी नौकरियों का लक्ष्य, आधे पर पहुंची सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2024 तक दस लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य तय किया है। शनिवार को सातवें रोजगार मेले में 70146 नियुक्ति पत्र वितरण के साथ ही कुल आंकड़ा 4,98,000 से अधिक पर पहुंच चुका है।