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टीकाकरण महाअभियान की शुरूआत, लक्ष्य पूरा करेगी सरकार

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नई दिल्ली,एजेंसी। कोरोना महामारी के बीच भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसका शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वैक्सीन भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी। उन्होंने लोगों से वैक्सीन को लेकर अफवाहों से बचन की सलाह दी। साथ ही कहा कि कोरोना टीकाकरण की शुरुआत का मतलब यह नहीं है कि हम एहतियात बरतना छोड़ दें। हमें मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का पालन करते रहना है। दवाई भी और कड़ाई भी का मंत्र याद रखे। प्रधानमंत्री महामारी के मुश्किल दौर को याद करके भावुक हो गए।
बता दें कि पहले चरण में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दी जाएगी। इस महीने की शुरुआत में दो टीकों के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिली। इनमें सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन शामिल हैं। कोविशील्ड को अक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका ने विकसित और भारत में इसे सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है। वहीं कोवैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि इस दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार था। कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी? अब वैक्सीन आ गयी है, बहुत कम समय में आ गई है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर ने कहा था मानव जब जोर लगाता है तो पत्थर पानी बन जाता है।
वैक्सीन भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की वैक्सीन ऐसी तकनीक पर बनाई गई है, जो भारत में ट्राइड और टेस्टेड है। ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं। यही वैक्सीन भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी।
अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी। इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है। भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है। विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज 5,000 हजार रुपये तक में हैं और जिसे -70 डिग्री तापमान में फ्रीज में रखना होता है।
जिसे सबसे ज्यादा जरूरत, उसे सबसे पहले लगेगा टीका
पीएम मोदी ने कहा, श्अब से कुछ ही मिनट बाद भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्घांतों पर आधारित है,जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा।श्
मास्क उतारने की गलती न करें
पीएम मोदी ने कहा, श्पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज लगने के दो हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्घ जरूरी इम्युनिटी विकसित हो पाएगी। मेरा आपसे अनुरोध है कि पहली खुराक पाने के बाद मास्क उतारने की गलती न करें और शारीरिक दूरी बनाए रखें क्योंकि दूसरी खुराक के बाद इम्युनिटी विकसित होती है।श्
पीएम मोदी ने कहा, इतिहास में इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है। जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा।आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका।
वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं
पीएम मोदी ने कहा, आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं, लेकिन इतने कम समय में एक नहीं दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं। कई और वैक्सीन पर भी तेज गति से काम चल रहा है, ये भारत के सामर्थ्य, वैज्ञानिक दक्षता और टैलेंट का जीता-जागता सबूत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए। 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था। 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्घ हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ। जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लकडाउन के लिए तैयार किया। ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया। सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए।
पीएम मोदी ने कहा, भारत ने कोरोना महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महामारी के मुश्किल दौर को याद करके भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि इस बीमारी ने लोगों को उनके परिवारों से दूर रखा। माताएं बच्चों के लिए रो रही थीं, लेकिन वो अपने बच्चों के पास नहीं जा सकती थीं। लोग अस्पताल में भर्ती अपने घर के बुजुर्गों से मिल नहीं सकते थे। कोरोना के कारण हमारे कई साथी हमसे दूर चले गए, ऐसे लोगों का हम अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके।


दिल्ली के डक्टरों के स्वदेशी कोवैक्सीन के विरोध पर यह बोले स्वास्थ्य मंत्री
नई दिल्ली,एजेंसी। शनिवार को देश में कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई। इसे लेकर शाम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा़ हर्षवर्धन ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ वीडियो कन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमें एक साल में कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक हद तक सफलता मिल गई है।
उधर, दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में रेजिडेंट डक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) की ओर से स्वदेशी कोवैक्सीन के स्थान पर अक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड मांग किए जाने पर हर्षवर्धन ने कहा कि दोनोंवैक्सीन सुरक्षित हैं और समान प्रभावी हैं। इसलिए, किसी भी वैक्सीन से सुरक्षा और उसके असर को लेकर कोई असमंजस की स्थिति नहीं है।
इन डाक्टरों ने भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को लेने से इनकार कर दिया था। वैक्सीन की वितरण प्रक्रिया पर भी विवाद हुआ था। बता दें कि दिल्ली में 81 केंद्रों पर टीकाकरण हो रहा है। इनमें से 75 केंद्रों पर कोविशील्ड और छह केंद्रों पर कोवैक्सीन की खुराक दी जा रही है। इन छह केंद्रों में आरएमएल और एम्स सफदरजंग भी है।
डा़ हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले तीन-चार महीने का ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) और मृत्यु दर का डाटा बताता है कि हम धीरे-धीरे कोविड के खिलाफ जंग में जीत की ओर बढ़ रहे हैं।उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में देश के सामने वैक्सीन श्संजीवनीश् की तरह आई हैं। ऐसा लगता है कि इस महामारी से जंग में जीत हमें जल्द ही मिल जाएगी।

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