कोटद्वार-पौड़ी

नालियां साफ कर मलवा सड़क से हटाना भूला निगम, जनता भुगत रही खामियाजा

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शहर की सफाई का जिम्मा लेने वाले ही अब गंदगी फैलाने में लगे हैं। सफाई कर्मचारियों की गलती का खामियाजा बाद में लोगों को भुगतना पड़ता है। सफाई कर्मी नालियों की सफाई कर गंदगी को उठाने के बजाय सड़क किनारे ही छोड़ दे रहें हंै। नगर निगम के सफाई कर्मचारी सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं। नगर निगम की ओर से नालियों के सफाई कार्य में लगे सफाई कर्मियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। सफाई के नाम पर नालियों से ऊपरी सिल्ट हटा दी जाती है। निगम के सफाई कर्मचारी नालियों से कूड़ा निकालकर सड़क किनारे ढेर लगा दे रहे है। बारिश होने पर कूड़ा दोबारा से नालियों में बह जा रहा है। जिस कारण नालियां चोक हो रही है और नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है।
नगर निगम की ओर से बरसात से पूर्व शहर की नालियों और नालों को साफ करने का दावा किया जाता है, लेकिन आधे घंटे की बारिश से ही नालियां चोक हो जाती है और गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है। जिस कारण राहगीरों व वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गत रविवार को नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने बदरीनाथ मार्ग की नाली की सफाई कर कूड़े और कचरे को सड़क किनारे ढेर लगा दिया, लेकिन समय से कचरा न उठने से बारिश होने के बाद कूड़ा बहकर नाली में चला गया। जिस कारण नाली दोबारा से चोक हो गई। सफाई कर्मी नालियों को ऊपर से साफ कर कूड़ा निकाल देते है, उसमें से सिल्ट नहीं निकालते। हर साल निगम की ओर से नालियों और नालों की सफाई के नाम पर लाखों रूपये खर्च किये जाते है। इसके बावजूद भी समस्या जस की तस बनी रहती है। व्यापारियों का कहना है कि शहर के झंडाचौक के पास स्थित नाली की हालत बेहद खराब है। नाली की नियमित सफाई न होने से नाली चोक है, जिससे स्थानीय लोगों को हल्की बारिश में जल भराव की समस्या से परेशान होना पड़ता है। नाली के चलते मच्छरों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, जो लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।


नगर निगम के सफाई निरीक्षक सुनील कुमार का कहना है कि नियमित नालियों की सफाई कराई जा रही है। नालियों से निकाले गये कचरे का सूखने में एक दिन का समय लगता है, इसलिए सड़क किनारे कचरे का ढेर लगाया जाता है। कचरा सूखने के बाद हटाया जाता है। दो-तीन दिन से बारिश होने की वजह से नालियों की सफाई कर निकाले गये कचरे को नहीं हटाया जा सका। उन्होंने कहा कि नालियों की सफाई करवाकर कूड़े और कचरे को साफ करा दिया जाएगा।

नियमित सफाई नहीं होने से नालियां हो रही ओवरफ्लो
सफाई कर्मचारी कभी सप्ताह तो कभी पखवाड़े भर में शहर की नालियों की सफाई करते है। कभी-कभार तो कई मोहल्लों में महीनेभर में एक बार ही नालियों की सफाई नहीं होती है। जाम नाली से गंदगी निकालने के बाद मलबा सड़क पर ही डालकर सफाई कर्मी चले जाते हैं। जिससे नाली से निकली गंदगी दुपहिया व चार पहिया वाहनों के चलने पर सड़क पर बिखर जाती है। लोगों को गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में ये सफाई उल्टे गंदगी फैला रही है। स्थानीय निवासी महेश ने बताया कि सफाई कर्मचारी नाली की गंदगी को सड़क पर ही डाल देते हैं। कई बार तो सफाई कर्मचारी महीने बाद नाली की सफाई करने पहुंचते हैं। अधिकांश नालियां जाम ही रहती है। बारिश होने पर नालियों की गंदगी सड़कों पर बहने लगती है। झंडाचौक के पास नाली की हालत और भी खराब है।

पीएम के अभियान के बाद भी नहीं सुधर रही व्यवस्था
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूरे देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत सभी नगर पालिका, नगर निगम और पंचायतों को भी साफ-सफाई करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। उसके बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। झंडाचौक के पास की नाली पर गौर करे तो लंबे समय से सफाई के अभाव में यह बजबजा रही हैं। स्थिति यह है कि लंबे समय से जाम होने की वजह से गंदगी नाली के ऊपर तक आ गई है। बताया जा रहा है यहां नगर निगम के सफाई कर्मचारी कभी कभी आते हैं और सफाई की औपचारिकता निभा कर चले जाते हैं।

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