लैंगिक उत्पीड़न और आपदा को लेकर दिया प्रशिक्षण
चमोली। उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल की ओर से आयोजित तीन दिवसीय आउटरीच प्रशिक्षण के समापन पर लैंगिक उत्पीड़न को लेकर डा अर्चना शाह और आपदा प्रबंधन को लेकर डा ओम प्रकाश ने प्रशिक्षण प्रदान कर अहम जानकारियां दी। शुक्रवार को विकास भवन सभागार में लैंगिक उत्पीड़न पर डा अर्चना शाह तथा आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ के प्रभारी डा ओम प्रकाश ने आपदा सम्बन्धी प्रशिक्षण उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को दिया। प्रशिक्षण में कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेय एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013, के सम्बन्ध में डा अर्चना शाह ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सर्वप्रथम अपने अधिकारों को समझना होगा। महिलाओं के हक में जो भी कानून बनाए गए हैं, उनका पालन व उनको रक्षित करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यदि कोई महिला अपने अधिकारों से वंचित है या अनभिज्ञ है, तो समाज की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे उसको उसका अधिकार दिलाएं। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र में सुशासन तभी स्थापित हो सकता है, जब प्रत्येक को उसका अधिकार मिले। इनमें ही एक अधिकार महिलाओं की कार्यस्थल पर सुरक्षा व हक के सम्बन्ध में है। आपदा प्रबन्धन सम्बन्धी प्रशिक्षण देते हुये डा ओम प्रकाश ने कहा कि आपदा कभी भी कहीं भी किसी भी प्रकार से आ सकती है, इसके लिए तैयारियां एक मात्र रास्ता है। विकास और आपदा का एक खास रिश्ता है। विकास अनवरत प्रक्रिया है और आपदाओं से कैसे निपटा जाए। इसके लिए निरन्तर कार्य करना भी अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि मकान खूबसूरत हो चाहे ना हो लेकिन आपदा जैसे भूकम्प, बादल फटने व बाढ़ जैसे स्थिति को ध्यान में रखकर बनाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कभी भी गदेरे, घाटी वाले स्थानों में मकान का निर्माण नही करना चाहिए। प्रशिक्षण में एएमए जिला पंचायत संजय खण्डूड़ी, डीटीडीओ अतुल भण्डारी, सीएमएस अमित राय, एसीएमओ दीपा रूबाली, ईओ पालिका एचएस रौतेला सहित दर्जनों मौजूद है।