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वायुसेना प्रमुख की दो-टूक, यदि जरूरत पड़ी तो एलएसी पर सेना की तैनाती और बढ़ाएंगे, हम किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने शनिवार को कहा कि चीन के साथ टकराव के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हमारी सेनाएं तैनात हैं और जरूरत पड़ने पर जवानों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। वायु सेना अकादमी हैदराबाद में संयुक्त स्नातक परेड के दौरान एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि चीन के साथ हमारा टकराव अभी भी चल रही है। लद्दाख में कुछ ही जगह दोनों देशों की सेनाओं की पीटे हुई हैं जबकि कई जगह क्षेत्रों में सेनाएं मोर्चे पर डटी हुई हैं।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ऐसे में जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती सेनाएं तैनात रहेंगी। यदि जरूरत हुई तो तैनाती और भी बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि वायुसेना सीमाओं पर किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार है। उल्लेखनीय है वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन के बीच 20 महीने से अधिक समय से टकराव बना हुआ है।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि भारतीय वायुसेना राफेल, अपाचे, चिनूक और अन्य परिष्त युद्घ प्रणालियों से लैस होकर एक अत्यधिक शक्तिशाली वायु सेना में परिवर्तित होने की पर है। उन्होंने कहा कि राफेल विमान का बेड़ा फरवरी 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा। 36 राफेल विमानों में से 32 की डिलीवरी हो चुकी है। शेष चार में से तीन विमान फरवरी तक पहुंच जाएंगे।
उन्होंने स्नातकों को सलाह दी की एक अच्छा अधिकारी बनने के लिए, आपको वायुसेना की सभी शाखाओं की बारीकियों को सीखना और समझना होगा। अधिकारी के रूप में आपको सैन्य इतिहास, भू-राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के अध्ययन के माध्यम से इस जटिल और गतिशील दुनिया की समझ विकसित करनी चाहिए। यह तभी संभव हो सकता है जब आप अपने सेवा करियर के शुरुआती वषरें में पढ़ने की आदत को विकसित करेंगे।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत के हेलीकाप्टर हादसे की तीनों सेनाओं की जांच टीम द्वारा की जा रही कोर्ट आफ इंक्वायरी को पूरा होने में अभी कुछ हफ्तों का वक्त लगेगा। पत्रकारों से बात करते हुए, चौधरी ने कहा कि कोर्ट आफ इन्क्वायरी एक गहन जांच प्रक्रिया है। इसके बारे में मैं किसी तरह के निष्कर्ष का इशारा नहीं करना चाहूंगा। उन्हें (एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह) हर एक कोण से जांच करने और क्या गलत हुआ, उसके हर पहलू पर गौर करने और उपयुक्त सिफारिशें और निष्कर्ष निकालने का काम दिया गया है।

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