उत्तराखंड

उपनल कर्मियों ने राज्य सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

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पिथौरागढ़। उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले उपनल कर्मियों का धरना शुक्रवार को 5वें दिन भी जारी रहा। रमसा, उत्तराखण्ड विद्युत संघ, र्केपस सहित अन्य विभागों से जुड़े कर्मचारी आंदोलन में शामिल रहे। राज्य सरकार की ओर से कोई कार्रवाई न होने पर कर्मचारियों में आक्रोश दिखा। उन्होंने पांच सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। शुक्रवार को टकाना स्थित धरनास्थल पर उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का प्रदर्शन पांचवें दिन भी जारी रहा। कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कहा कि लंबे समय से विभिन्न मांगों को लेकर उन्हें सिर्फ कोरे आश्वासन दिए जा रहे हैं। अल्प वेतन में परिवार का भरण-पोषण मुश्किल होता जा रहा है। मांगों को लेकर वह लंबे समय से आवाज उठा रहे हैं, पर कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं कर रही है। उपनल कर्मियों को वेतन भी समय से नहीं दिया जा रहा है। विभागों में समान कार्य के लिए समान वेतन के नियम का भी पालन नहीं किया जा रहा है। कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी को वापस लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के वर्ष 2018 में दिए गए आदेश को लागू करने की मांग की है। प्रदर्शन में ये रहे शामिल- त्रिभुवन बसेड़ा, प्रदीप कुमार, कविंद्र रावत, शेखर रावत, शेखर पाटनी, बसंत भट्ट, राजकुमार, दिनेश पंत, मनीष जोशी, हेम पाटनी, ममता बुंगला, नरेंद्र कुमार, सुरेश चंद्र भट्ट, मनोज मेहता, विजय चौधरी, शमशेर बहादुर, गणेश चंद, कमल प्रसाद, कविंद्र जोशी, भरत सिंह परिहार, मनोज जोशी, राजेंद्र सिंह, अर्जुन भंडारी, भीम सिंह मेहता, दिनेश सिंह, नवीन मठपाल, नरेंद्र पाण्डेय आदि।

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