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उत्तराखण्ड में फिल्म उद्योग को मिला लघु उद्योग का दर्जा, युवाओं को मिलेगा रोजगार

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म उद्योग को लघु उद्योग का दर्जा दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से युवाओं को रोजगार मिलेगा। कौशल विकास योजना से शाकुन्तलम फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट कोटद्वार को भी जोड़ा गया है। कौशल विकास के तहत उक्त इंस्टीट्यूट में 240 बच्चों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार के इस निर्णय को देश के लिए नई पहल बताते हुए कहा कि दूसरे राज्यों के लिए भी यह योजना प्रेरणा बनेगी। पहली बार फिल्म इंडस्ट्री के कोर्स को कौशल विकास में शामिल किया गया है। समय के साथ-साथ तकनीकी को अपग्रेड करने के साथ ही कोर्सों को भी अपग्रेड करने की जरूरत है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री ने अपने कैंप कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि एमएसएमई नीति-2015 के अंतर्गत जून 2020 में संशोधन करते हुए इसकी परिधि में कई अन्य क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया है, ताकि अधिक से अधिक उद्यम स्थापना को प्रोत्साहन मिले तथा रोजगार सृजन हो। इसमें फिल्म सिनेमेटोग्राफी (कैमरामैन), साउण्ड इंजीनियरिंग, एडिटिंग (संपादन), निर्देशन, अभिनय, स्टोरी एवं डॉयलॉग लेखन, नृत्यशैली एवं संगीत में डिप्लोमा से संबंधित व्यवसायिक/कौशल विकास प्रशिक्षण संस्थानों को सम्मिलत किया गया है। इससे एक तरफ राज्य के युवक-युवतियों को फिल्म क्षेत्र में कार्य करने के लिए कौशल बढ़ाने में मदद मिलेगी और अधिक से अधिक लोग राज्य के प्राकृतिक सौन्दर्य एवं उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए फिल्म निर्माण की ओर आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई नीति 2015 के अन्तर्गत पूंजी निवेश सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, विद्युत सब्सिडी आदि उपलब्ध है। इसमें 15 से लेकर 40 प्रतिशत तक पूंजी निवेश सब्सिडी उपलब्ध है। काबीना मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म उद्योग को लघु उद्योग का दर्जा दिया है। इससे उत्तराखण्ड के पर्यटन का विकास होगा। वर्तमान में शाकुन्तलम फिल्म इंस्टीट्यूट कोटद्वार में कौशल विकास के तहत 240 बच्चों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षित होने से यहां के युवाओं फिल्म सिनेमेटोग्राफी (कैमरामैन), साउण्ड इंजीनियरिंग, एडिटिंग (संपादन), निर्देशन, अभिनय, स्टोरी एवं डॉयलॉग लेखन, नृत्यशैली एवं संगीत के क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। शाकुन्तलम संस्थान को सरकार की ओर से प्रशिक्षण देने के लिए 15 हजार रूपये प्रति बच्चा फीस के रूप में सरकार देगी। इस मौके पर जिला उद्योग केन्द्र कोटद्वार के महाप्रबन्धक मृत्युंजय सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता भुवनेश खरक्वाल, पार्षद लीला कर्णवाल, शिव नारायण रावत, वन मंत्री के जनसम्पर्क अधिकारी सीपी नैथानी आदि मौजूद थे।

लड़कियों को किया गाइड के रूप में नियुक्त
कोटद्वार। 
प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि गाइड के रूप में पहली बार लड़कियों की नियुक्ति की गई है। अभी तक लड़कों की ही नियुक्ति गाइड के लिए की जाती थी, लेकिन उन्होंने इस नियम को बदल दिया है। इससे करीब एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। हाल ही में 18 लड़कियों की नियुक्ति गाइड के रूप में की गई है। इन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षित गाइड से पर्यटक को जगंली जानवरों के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि सेंचुरी पार्कों में अब पर्यटक बिना गाइड के नहीं जा सकेगें।

आयुर्वेदिक महाविद्यालय में इसी सत्र से शुरू होगें डिग्री कोर्स
कोटद्वार। 
प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार में आयुर्वेदिक महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी। इसी सत्र से फार्मेसी, नर्सिंग, पंचकर्म टैक्नीशियन, फार्मेसी यूनानी, डिप्लोमा इन योगा, पंचकर्म अटैण्डेंट आदि डिप्लोमा कोर्स शुरू किये जायेगें। उन्होंने कहा कि उक्त कोर्स शुरू करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

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