देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का ग्राफ जिस तेजी से ऊपर की ओर चढ़ रहा है, उससे आने वाले दिनों में चुनौतियां और बढ़ सकती हैं। खासकर अनलक के दूसरे और तीसरे चरण के बाद चौथे चरण में जिस तरह तमाम पाबंदियां खत्म की गई हैैं, उससे स्थिति भयावह होने का खतरा बना हुआ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक माह में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मरीजों (एक्टिव केस) की संख्या दोगुनी हो गई है।
पिछले छह माह से कोरोना संक्रमण के मामलों का विश्लेषण कर रही संस्था सोशल डेवलपमेंट फर कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक और स्वास्थ्य मामलों के जानकार अनूप नौटियाल कहते हैैं कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर हो रही है। संक्रमित मरीजों के साथ एक्टिव केस में भी तेजी से वृद्घि हो रही है। बीती दो अगस्त को राज्य में जहां कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 3032 थी, वह अब बढ़कर 6870 हो चुकी है। यह स्थिति बड़े संकट की ओर इशारा कर रही है। उस पर सभी अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैैं। डक्टर और नर्सें भी आंदोलन की राह पर खड़े हैैं। आर्थिक हालात भी ठीक नहीं हैं। ऐसे में नए और आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।
बढ़ती मृत्यु दर भी चिंता का विषय
संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर भी लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश में यह आंकड़ा तीन सौ के पार हो चुका है। अब रोजाना तकरीबन 10 मरीजों की मौत हो रही है। वहीं, बाजार और भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोग नियमों को नजरअंदाज करते दिख रहे हैैं। यह अच्छा संकेत नहीं है।
़.़तो सितंबर अंत तक होंगे 40 हजार मरीज
वायरस के संक्रमण की रफ्तार इसी तेजी से बढ़ती रही तो इस माह के अंत तक कोरोना के मरीजों का आंकड़ा 40 हजार तक पहुंच सकता है। सोशल डेवलपमेंट फर कम्युनिटी फाउंडेशन ने भी ऐसी ही संभावना जताई है। संस्था ने सरकार से अपील की है कि संक्रमण से बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। साथ ही आमजन भी कोविड की गाइडलाइन का पालन कर खुद को संक्रमण से बचाएं।