उत्तराखंड में भी बोर्ड परीक्षाएं हो सकती हैं स्थगित
-छात्रों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : अरविंद पांडे
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण नियंत्रित न होने पर राज्य बोर्ड की परीक्षाएं भी स्थगित की जा सकती है। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस विषय पर सीएम तीरथ सिंह रावत से विचार विमर्श किया जाएगा। कैबिनेट में विचार विमर्श के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय किया जाएगा। फिलहाल बोर्ड परीक्षाओं का चार मई से प्रस्तावित कार्यक्रम यथावत है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बीते रोज कुछ और कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। पूरे राज्य में नाईट कफ्र्यू लगाया जा चुका है। साथ ही कोचिंग सेंटरों को अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है।
सरकार की नई कोरोना एसओपी ने शिक्षा विभाग को भावी रणनीति पर सोचने को मजबूत किया है। विभाग के भी कई अधिकारी इस समय बीमार चल रहे हैं।शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना और शिक्षा को लेकर सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार कोविड 19 के लिए केंद्र सरकार से तय मानकों का पालन कर रही है। बोर्ड परीक्षाओं अभी तो बदलाव का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन जिस प्रकार हालात बदल रहे हैं, उसे देखते हुए सीएम के साथ विचार विमर्श किया जाएगा।
और जिलों में भी स्कूलों में हो सकती है छुट्टी: कोरोना के सर्वाधिक केस आने की वजह सरकार ने वर्तमान में हरिद्वार के संपूर्ण स्कूलों में तीस अप्रैल तक छुट्टी की हुई है। देहरादून में कालसी और चकराता को छोड़कर सारे स्कूल बंद हैं। जबकि नैनीताल में हल्द्वानी नगर निगम और नैनीताल नगर पालिका क्षेत्र के सभी स्कूल में 30 अप्रैल तक अवकाश है। केवल बोर्ड इम्तहान वाली कक्षा 10 और 12 वीं के संचालन की अनुमति है। शिक्षा मंत्री ने कहा कहा कि फिलहाल इन तीन जिलों में ही कोरोना का संक्रमण सबसे ज्यादा है। इसलिए यहां स्कूल बंद किए गए है। यदि कोरोना और जिलों में भी इसीप्रकार फैलता है तो वहां भी स्कूलों को बंद किया जाएगा। सरकार के लिए छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।