वन मंत्री बोले वन विकास निगम में ई-ऑक्शन से होगी राजस्व की वृद्धि
वन विकास निगम के ई-ऑक्शन पोर्टल का किया शुभारंभ
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने वन विकास निगम के ई-ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि वन विकास निगम का यह आईटी के युग में अच्छा प्रयास है। वन उपजों और प्रकाष्ठ के लिए ई-ऑक्शन प्रक्रिया से वन विकास निगम के कार्यों में तेजी आएगी। ई-ऑक्शन की प्रक्रिया से वन विकास निगम के राजस्व में वृद्धि होगी। उन्होंने निगम के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कार्य योजना तैयार करें अधिकारियों का नैतिक कर्तव्य है। अधिकारियों की सीआर में स्पष्ट लिखा जाय कि कार्य योजना समय से तैयार की या नहीं।
उत्तराखण्ड वन विकास निगम विक्रय प्रभाग कोटद्वार में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने ई-ऑक्शन पोर्टल का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह ने कहा कि वन विकास निगम ने अभिनव पहल की है। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता आयेगी और विक्रय में तेजी आयेगी। कर्मचारी संगठन के क्षेत्रीय अध्यक्ष जेपी बहुखंडी ने कहा कि छपान में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसके निगम की आय में वृद्धि नहीं होती है। रायल्टी दरों का निर्धारण सही तरीके से किया जाना चाहिए। वर्तमान में रायल्टी की दरें बहुत ही अधिक है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य बनने के बाद अधिकारियों के पदों में इजाफा हुआ है, जबकि फील्ड कर्मचारियों की पदों में कमी हुई है। फील्ड कर्मचारियों की कमी से वन विकास निगम का विकास संभव नहीं है। इसलिए फील्ड कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि तीन वर्षों की कड़ी मशक्कत के बाद ई-ऑक्शन प्रक्रिया की शुरूआत हो पाई है। इसके बाद डाट पर चिप लगाने का प्रयास किया जायेगा। चिप लगने से पेड़ के कटने से लेकर विक्री तक मॉनीटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि दोयम दर्जें की लकड़ी अधिक कीमत पर खरीदी जा रही है। इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है। काबीना मंत्री ने कहा कि वन विकास निगम प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष 300 से 500 करोड़ का राजस्व देता है। सरकार को राजस्व देने के मामले में वन विकास निगम तीसरे स्थान पर है। निगम में फील्ड कर्मचारियों की कमी पर मंत्री ने कहा कि अधिकारियों के पद बढ़ने के साथ ही फील्ड कर्मचारियों के पद भी बढ़ने चाहिए। फील्ड कर्मचारियों की कमी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि वन विकास निगम में स्वस्थ व्यवस्था की जाएगी। वन विकास निगम के महाप्रबन्धक डॉ. निशान्त वर्मा ने कहा कि निगम वनों के संवद्र्धन, पर्यावरण संरक्षण, उच्च गुणवत्तायुक्त प्रकाष्ठ, उपखनिज का उचित दरों पर आपूर्ति में योगदान कर रहा है। निगम द्वारा अपने 30 प्रभागों के माध्यम से वन क्षेत्रों में वैज्ञानिक वन प्रबंधन के दृष्टिगत सूखे, उखड़े, गिरे वृक्षों से प्रकाष्ठ का उत्पादन, उपखनिज चुगान एवं प्रकाष्ठ के विक्रय की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल पहल से वनोपज एवं प्रकाष्ठ की बिक्री में तेजी आएगी। इस मौके पर प्रभागीय लॉगिग प्रबन्धक पौड़ी ब्रहमपाल, क्षेत्रीय प्रबन्धक गढ़वाल एमजी गोस्वामी, प्रभागीय विक्रय प्रबन्धक कोटद्वार विजयपाल सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता भुवनेश खरक्वाल, पार्षद लीला कर्णवाल, वन मंत्री के जनसम्पर्क अधिकारी सीपी नैथानी, सुरेन्द्र गुसांई आदि मौजूद थे।
घर बैठे खरीद सकते है प्रकाष्ठ
कोटद्वार। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि देशभर से खरीददार ई-ऑक्शन के माध्यम से घर बैठे ही प्रकाष्ठ की खरीद कर सकते हैं। ई-ऑक्शन से प्रकाष्ठ की नीलामी की कार्यप्रणाली में और अधिक तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि गुरूवार को ई-ऑक्शन पोर्टल के शुरू होने पर पहले दिन ही देश के 79 लोगों ने इस प्रक्रिया में भाग लिया। इससे निगम को कीमत भी अच्छी मिलेगी और देश में ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जनता को हर सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया से लोगों को अनावश्यक सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। इससे समय तथा धन, दोनों की बचत होती है। कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल माध्यम का अधिकतम उपयोग जरूरी है।