विजय दिवस पर भारत-पाक युद्ध के शहीदों को किया याद
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास लैंसडौन की ओर से विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने शहीद जवानों के फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वीर सैनिक देश की सरहदों में रात-दिन देश की रक्षा कर रहे हैं, तभी जाकर हम देशवासी चैन की नींद सो रहे हैं। उन्होंने इन वीर सैनिकों ने अपने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। जिसके लिए पूरा देश उनकों श्रद्धाजंलि देता है और सम्मान के साथ याद करता है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य यह है कि सन् 1971 की लड़ाई के बाद हमारा देश व हमारा प्रदेश इन सैनिकों केबलिदान को भुला नहीं पाया है। साथ ही हम वीर नारियों को नहीं भूले है। यह सभी आज भी हमारा एक अभिन्न अंग है। कार्यक्रम में जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास लैंसडौन के अधिकारी से.नि. कर्नल ओमप्रकाश फरस्वाण ने विजय दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय, पुलिस उपाधीक्षक अनिल जोशी, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र सिंह बिष्ट, कर्नल बीबी ध्यानी से.नि., सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गजेन्द्र मोहन धस्माना, डीसीबी के जीएम मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।
उधर, पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा विजय दिवस पर 1971 की लड़ाई की वीर नारी लक्ष्मी देवी बुड़ाकोटी, लेफ्टिनेंट शुभम बिष्ट व परिषद के सचिव सुभाष कुकरेती को सम्मानित किया गया। बुधवार को बदरीनाथ मार्ग स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में शहीद वीर जवानों को याद किया गया। वक्ताओं ने कहा कि 1971 भारत-पाक युद्ध में हमारी वीरभूमि उत्तराखण्ड के भी 248 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जबकि 78 वीर सैनिक घायल हुए। इस मौके पर परिषद के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण बड़थ्वाल, सीपी डोबरियाल, सीपी धूलिया, हरीश चन्द्र, अनूप बिष्ट, सूरवीर खेतवाल, सतेन्द्र सिंह रावत, सुभाष चन्द्र कुकरेती, बलवान सिंह रावत, सुरेश रावत, उमेद चौधरी, गोपाल सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।
विजय दिवस पर किया स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी को सम्मानित
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने विजय दिवस का धूमधाम मनाया। महापौर श्रीमती हेमलता नेगी एवं पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने पूर्व सैनिक सुदर्शन सिंह रावत, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व़ कुंवर सिंह नेगी की धर्मपत्नी श्रीमती सुरेशी देवी को सिताबपुर स्थित उनके घर जाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस युद्घ में गढ़वाल रेजीमेंट ने उत्कृष्ठ सैन्य कौशल का परिचय दिया था। पांचवी बटालियन को बहादुरी, शौर्य के लिए तीन वीर चक्र, तीन सेवा मेडल दिये गये थे।
पूर्व मंत्री ने कहा कि आजादी के दीवानों एवं देश की रक्षा की खातिर अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों का यह देश सदैव ऋणी रहेगा। सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्घ में भारतीय सेना की शानदार जीत को विजय दिवस में मनाया जाता है। पाकिस्तान के नापाक इरादों का डटकर मुकाबला करते हुए भारतीय जांबाज फौज के दम पर पाकिस्तान के दो टुकडे कर दिये। इसी अदम्य साहस एवं शौर्य के चलते इंदिरा गांधी को आयरन लेडी के नाम से पुकारा जाने लगा। उन्होंने कहा इस युद्घ में तत्कालीन सेना अध्यक्ष ने इंदिरा गांधी को 3 दिसम्बर 1971 से पहले ही युद्घ की पूरी रणनीति बताई, फिर इंदिरा गांधी ने देश को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर आक्रमण करने को कहा, पाकिस्तान ने पूर्व एवं पश्चिमी मोर्चे पर युद्घ छेड़ दिया था, भारतीय सेना ने पूर्वी मोर्चे पर जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा, जनरल संगत सिंह के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों को युद्घ बंदी बना दिया। पाकिस्तानी सेना के पूर्वी कंमाडर जनरल नियाजी ने अपनी सेना के साथ आत्म समर्पण कर दिया था। इस मौके पर जिलाध्यक्ष डा़ चन्द्रमोहन खर्कवाल, महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल, सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शंकेश्वर प्रसाद सेमवाल, धीरेन्द्र ंिसंह बिष्ट, बृजपाल सिंह, गोपाल सिंह गुंसाई, महावीर सिंह रावत, कैलाश पंत, यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अमित राज सिंह, जितेन्द्र भाटिया, हरेन्द्र पुंडीर, पुष्कर नेगी, मनोज बिष्ट, साबर सिंह नेगी, बलवीर ंिसंह रावत, विनोद नेगी, हेमचंद्र पंवार, राजेन्द्र सिंह असवाल, वीडी नवानी, राजेन्द्र सिंह गुसाई सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।